सीजीएफ एशिया के रवैये के खिलाफ आईओए ने बत्रा का किया समर्थन

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नई दिल्ली, 21 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने कई बार बर्मिघम में 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को हटाने का विरोध किया है, लेकिन उनके इस कदम की हाल ही में रवांडा में हुई सीजीएफ एशिया रीजनल बैठक में आलोचना हुई थी। अब आईओए के महासचिव राजीव मेहरा ने रीजन वाइस प्रेसिडेंट (एशिया) क्रिस चान को एक मेल लिखकर कहा है कि भारत आईओए के अध्यक्ष के बयान को चुनौती देने वाली बात का खंडन करता है।
 

अपने मेल में मेहरा ने साफ कहा है कि बत्रा को भारत में राष्ट्रमंडल खेलों की तरफ से बोलने का पूरा अधिकार है और उन्हें सीजीए/एनओसी की जनरल बॉडी के साथ-साथ कार्यकारी परिषद का भी समर्थन हासिल है।


मेल में लिखा है, “हमारे अध्यक्ष भारत में खेल के बढ़ावे के लिए लगातार काम कर रहे हैं। वह भारत की तरफ से राष्ट्रमंडल खेलों के लिए बोलने का पूरा अधिकार है और उन्हें जनरल बॉडी के साथ-साथ कार्यकारी परिषद का भी समर्थन हासिल है। बर्मिघम-2022 में खेले जाने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से निशानेबाजी को बाहर करने के बाद हमारा जो रूख है वो सिर्फ राष्ट्रंडल खेल का रूख नहीं है बल्कि करोड़ों लोगों के अंदर भरा गुस्सा है।”

उन्होंने कहा, “हालांकि सीजीए/एनओसी को कई बार नजरअंदाज किया गया है वो भी बात को जानने के बाद की एशिया में भारत ऐसा पहला देश है जिसने बीते दो दशक में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की है। हमने सीजीएफ के साथ मधुर संबंध बना रखे हैं। उस बयान की रिकार्डिग गलत है और हमें उम्मीद है कि इसमें जल्दी सुधार किए जाएंगे।”

सीजीएफ की रीजनल मीटिंग के माइन्यूट्स को अगर देखा जाए तो कहा गया था, “एशिया को एक समूह के तौर पर रहना चाहिए। भारत को राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार करने की बात करने से पहले बात करनी चाहिए थी। एशिया को इस बात से निराशा है कि भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों की प्रासंगिकता पर सवाल खड़े किए हैं।”


 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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