नई दिल्ली, 13 जनवरी(आईएएनएस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) ने सामाजिक विज्ञान और मानविकी आदि विषयों के पाठ्यक्रम में व्यापक सुधार की मांग उठाई है। एबीवीपी के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को शिक्षा, महिला एवं बाल, युवा तथा खेल मामले पर संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे से भेंट की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने सामाजिक विज्ञान और मानविकी विषयों के पाठ्यक्रमों में भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव की नेतृत्वकर्ता महिलाओं के वर्णन, विभिन्न इतिहास कालखंडों के समुचित प्रतिनिधित्व, भारत के सभी भौगोलिक क्षेत्रों जैसे पूर्वोत्तर, दक्षिण भारत के राज्यों, जनजातीय क्षेत्रों को पाठ्यक्रमों में उचित स्थान देने की मांग की।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष को लॉकडाउन के बाद से बंद चल रहे शिक्षण संस्थानों को खोलने के संबंध में सुझाव दिए हैं। एबीवीपी ने इंटरमीडिएट और हाईस्कूल बैच के लिए परीक्षा कम से कम 2 माह पूर्व प्रत्यक्ष रूप से विद्यालय में कक्षाएं संचालित करने, ऑफलाइन पढ़ाने जाने वाले शिक्षकों का प्रारंभिक चरण में ही कोविड वैक्सीनेशन, शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से सक्षम करने के लिए डिजिटल माध्यमों का शिक्षण देने की मांग की है।
राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, कई विश्वविद्यालयों और विभिन्न बोर्ड के मानविकी विषयों के पाठ्यक्रमों में विसंगतियां लगातार देखने को मिल रही हैं। अभाविप की स्थानीय इकाइयों ने पाठ्यक्रमों की विसंगतियों को दूर करने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास भी किए हैं। हमने संसदीय स्थाई समिति से मानविकी तथा समाज विज्ञान आदि विषयों के पाठ्यक्रमों में व्यापक सुधार की मांग को रखा है, पाठ्यक्रमों में व्यापक संशोधन की हमारी लंबे समय से मांग रही है।
प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय मंत्री राहुल चौधरी, दिल्ली प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव, केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य वेलेंटिना ब्रह्म आदि शामिल रहे।
–आईएएनएस
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