सरकार कर मसलों को सुगम बनाने की कोशिश में, अधिकारी सख्त

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 नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)| सरकार एक तरफ कॉरपोरेट की कर चिंताओं को कम करने की कोशिश कर रही है, वहीं नौकरशाही अपने पुराने दिनों की तरह सख्त दिख रही है।

 प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री ने हाल ही में पाया कि छोटी-छोटी चूकों के मामले में अनावश्यक समन भेजने या सख्त कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है, जबकि मुख्य सीमाशुल्क व सीजीएसटी आयुक्त (विशाखापत्तनम जोन) नरेश पेनुमका ने कहा है कि अगर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) रिटर्न दाखिल नहीं किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।


अनावश्यक और अनधिकृत कर नोटिस व समन पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने बुधवार को कहा कि वह कंप्यूटर जनरेटेड डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (डीआईएन) शुरू करेगा और यह नंबर आयकर अधकारियों द्वारा जारी नोटिस पर होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में भी कहा था कि धन सर्जकों पर संदेह नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि धन का सृजन अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक है।

कॉफी डे इंटरप्राइजेज के संस्थापक वी. जी. सिद्धार्थ द्वारा कंपनी बोर्ड को लिखे आखिरी पत्र से कर आतंकवाद का मसला प्रकाश में आया। उन्होंने अपनी कंपनी के बोर्ड को लिखा कि माइंडट्री सौदे को लेकर एक कर अधिकारी ने उन्हें परेशान किया।


(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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