सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले में वर्ड्सवर्थ की कविता का जिक्र

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 नई दिल्ली, 10 नवंबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अंग्रेजी के प्रसिद्ध कवि विलियम वर्ड्सवर्थ की कविता का जिक्र किया है, जो धर्म से संबंधित है।

 अंग्रेजी के रोमांटिक कवि की कविता की चर्चा सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के पांच जजों में से एक ने की। उन्होंने भगवान राम के जन्मस्थान को लेकर भिन्न परिदृश्य को रखा।


फैसले में यह नहीं कहा गया है कि किस जज ने धर्म के संबंध में वर्ड्सवर्थ की कविता का जिक्र किया।

जज ने कहा कि धर्म और आस्था आध्यात्मिक जीवन को प्रोत्साहन देते हैं। उनके अनुसार, हिंदुत्व को प्रसिद्ध विद्वानों एवं विधिवेत्ताओं ने समय-समय पर परिभाषित किया है।

उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि सभी धर्मो का सार एक है और वह सत्य की खोज, आत्मा के बारे में और ज्यादा जानकारी और सर्वोच्च सत्ता के बारे में और अधिक जानकारी, जो कि एक है और सभी धर्मो में जिसकी पूजा की जाती है।


फैसले में कहा गया है कि सभी धर्मो में ईश्वर की महिमा का बखान किया गया है, जिससे हम जुड़ना चाहते हैं। वर्ड्सवर्थ ने अपनी एक सुंदर कविता में भी यही बात कही है।

उसके बाद उन्होंने ‘ओड इंटीमेशंस ऑफ इम्मोर्टलिटी फ्रॉम रिकलेक्शंस ऑफ अर्ली चाइल्डहुड’ शीर्षक वाली कविता का जिक्र किया।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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