बांदा, 7 फरवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक को भी बांदा पुलिस तरजीह नहीं दे रही है। नरैनी विधायक के भतीजे के साथ कथित रूप से हुई मारपीट की घटना के डेढ़ हफ्ते बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। जबकि इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग भी हस्तक्षेप कर चुका है।
खुद को नरैनी विधायक का भतीजा बताने वाले पीड़ित युवक दीपक कबीर ने बताया, “मेरे और मेरे चाचा विजय के साथ बालू खनन कारोबार से जुड़े चुन्नू यादव और राजू यादव ने 26 जनवरी की रात करीब नौ बजे नरैनी कस्बे के मोतियारी मोड़ के पास मारपीट की थी, जिसकी तहरीर दूसरे दिन नरैनी कोतवाली में दी गई थी।”
उन्होंने बताया, “राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सहायक निदेशक तरुण खन्ना ने 28 जनवरी को जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को भेजे फैक्स संदेश में रपट दर्ज करने और सुरक्षा उपलब्ध करने को कहा था। आयोग के निर्देश पर कोतवाली के एसआई सत्यदेव गौतम ने जांच तो की, मगर अब तक मुकदमा नहीं लिखा गया है।”
पीड़ित युवक ने बताया कि उसके विधायक फूफा ने भी कई बार पुलिस को फोन किया, फिर भी पुलिस नहीं सुन रही है। उसने कहा कि अब तो लगता है कि विधायक से ज्यादा पॉवरफुल पुलिस है।
कथित मामले में आरोपी चुन्नू यादव का कहना है, “मेरे ऊपर बालू खनन का लगाया जा रहा आरोप झूठा है। मेरे पास तो ट्रैक्टर भी नहीं है। दीपक और उसका चाचा अपने-अपने निजी ट्रैक्टरों से बागै नदी में खनन करते रहे हैं। इसी से मेरे गांव मुर्दी-पुरवा का कच्चा रास्ता खराब हो गया है। इसी का विरोध करने पर विधायक के साले इंद्रपाल ने अपने बेटे दीपक के साथ उस दिन मारपीट की थी और पुलिस से शिकायत करने पर विधायक के दबाव में कोई सुनवाई नहीं हुई।
इस मामले में नरैनी विधायक राजकरन कबीर से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।
विधायक के प्रतिनिधि नंदकिशोर ब्रह्मचारी ने कहा, “मामले में विधायक को बेमतलब घसीटा जा रहा है। दोनों पक्ष कम नहीं हैं। पुलिस अपना काम कर रही है।”
पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “आयोग को जांच रपट भेज दी गई है। अब तक की जांच में दोनों पक्ष अवैध बालू खनन के दोषी पाए गए हैं। खनन के विवाद में पहले चुन्नू ने दीपक को मारा-पीटा था, बाद में इंद्रपाल और दीपक ने चुन्नू व राजू के साथ मारपीट की थी। जांच का अंतिम निष्कर्ष आने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”