लखनऊ, 20 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी में बने रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने शुक्रवार को सिंचाई विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता रूप सिंह यादव को गाजियाबाद व लिपिक राजकुमार यादव को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने दोनों आरोपियों को लखनऊ में अदालत के समक्ष पेश कर उनको रिमांड पर दिए जाने की गुजारिश की। कोर्ट ने आरोपियों की पांच दिन की कस्टडी रिमांड मंजूर किया है।
अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल में लखनऊ में गोमती नदी पर बने रिवर फ्रंट में बड़े घोटाले में अब गिरफ्तारी शुरू हो गई है। इस घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने सिंचाईं विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर रूप सिंह यादव को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया।
पहले रूप सिंह यादव से लंबी पूछताछ की गई थी। रूप सिंह यादव के साथ वरिष्ठ सहायक राजकुमार को भी सीबीआई ने अरेस्ट किया है। आरोपित के खिलाफ दिसंबर 2017 में सीबीआइ ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रूप सिंह यादव को सीबीआइ ने कोर्ट में पेश किया गया है, जहां सुनवाई चल रही है। अब इस घोटाले के अन्य आरोपितों की भी गिरफ्तारी की तैयारी है।
सीबीआई ने रिवर फंड घोटाले में आठ इंजीनियर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिनमें चार सेवानिवृत्त हो चुके थे। यह कार्यवाही प्रमुख सचिव गृह के लिखित आदेश पर हुई थी। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन टीम इस प्रकरण की जांच कर रही थी। राज्य सरकार ने तीन साल पहले घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की थी।
गौरतलब है कि अप्रैल 2017 में प्रदेश सरकार ने रिवर फ्रंट घोटाले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। इसमें हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आलोक सिंह कमेटी के अध्यक्ष थे।
इस मामले में काम पूरा नहीं हुआ औरऔर बजट (1513 करोड़) में से 1437 करोड़ खर्च कर दिए गए। इतना बजट खर्च करने के बाद भी काम 60 फीसदी भी पूरा नहीं हुआ। पहले गोमतीनगर थाने में एफआईआर हुई थी।
–आईएएनएस
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