उत्पाद शुल्क बढ़ने से बढ़ सकती हैं पेट्रोल, डीजल की कीमतें

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नई दिल्ली, 14 मार्च (आईएएनएस)| सरकार ने तेल की वैश्विक कीमतों में असमान्य रूप से आई गिरावट का फायदा उठाकर राजस्व बढ़ाने के लिए पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है। अर्थव्यवस्था की सुस्ती का राजस्व पर बुरा असर पड़ा है। सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर तीन रुपये प्रति लीटर के हिसाब से उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है, जिससे विभिन्न राज्यों में कर संरचना के आधार पर दोनों पेट्रोलियम उत्पादों के खुदरा मूल्य में तीन-चार रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है।

इससे केन्द्र को साल में 45,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है।


केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल और डीजल पर विशेष शुल्क दो रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया गया है।

इसके अतिरिक्त, दोनों उत्पादों पर सड़क उपकर भी एक रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया गया है, जिससे केंद्रीय शुल्क तीन रुपये प्रति लीटर बढ़ गया है। नई दरें 14 मार्च से प्रभावी हैं।

लेकिन वैश्विक तेल कीमतों में कमी के कारण सरकार के पास खुदरा कीमतें न बढ़ा सकने की बाध्यता होगी और इसके बदले तेल विपणन कंपनियों से कहा जा सकता है कि वे उत्पाद शुल्क में की गई वृद्धि को समायोजित कर लें।


 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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