नई दिल्ली, 8 दिसम्बर (आईएएनएस)| नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के विरोधी वामपंथी दल इसमें संशोधन के दो प्रस्ताव ला सकते हैं। यह विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश हो सकता है।
वामदलों के संशोधन प्रस्तावों में एक में विधेयक से पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान तथा धर्म का संदर्भ हटाने व एक अन्य में विधेयक के दायरे में सभी पड़ोसी देशों के शरणार्थियों को लाने की बात शामिल हो सकती है। यह जानकारी रविवार को दी गई।
सीएबी का कांग्रेस व कुछ अन्य विपक्षी दल भी विरोध कर रहे हैं। नार्थ ईस्ट स्टूडेंट्स आर्गनाइजेशन (एनईएसओ) ने भी इसका विरोध किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पत्र लिखकर पूछा है कि सरकार नागरिकों के लिए है या अवैध आव्रजकों के लिए।
एनईएसओ ने कहा, “सरकार के रुख से तो यही लग रहा है कि यह अवैध आव्रजकों के लिए है।” संगठन नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के खिलाफ आंदोलन छेड़े हुए है। इसने दस दिसंबर को पूर्वोत्तर बंद का आह्वान किया है।