विदेशों में बढ़ रही भारतीय फलों व सब्जियों की मांग : कृषि मंत्री तोमर

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नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि विदेशों में भारतीय फलों और सब्जियों की मांग बढ़ रही है और देश से आम, अनार, अंगूर, केला, संतरा, लीची, अमरूद, पपीता, अनानास, चीकू, शरीफा आदि फल तथा सब्जियों में प्याज, टमाटर, आलू, हरी-मिर्च, भिंडी, बैंगन आदि का निर्यात यूरोप और अमेरिका समेत दुनिया के देशों में हो रहा है।

कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल से दिसंबर के दौरान भारत ने फलों का सब्यिों का निर्यात 6,809 करोड़ रुपये मूल्य का किया गया जोकि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 6.22 फीसदी अधिक है।


कृषि मंत्री ने कहा कि भारत ने बागवानी फसलों के उत्पादन में वैश्विक परि²श्य में एक बड़ा मुकाम को हासिल कर लिया है। देश में बागवानी फसलों का कुल उत्पादन 32 करोड़ टन हो गया है और इस उपलब्धि में राष्ट्रीय बागवानी मिशन का काफी योगदान है। उन्होंने कृषि एवं बागवानी फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों की मेहनत की भी सराहना की।

उन्होंने कहा, आज हम खाद्यान्न के क्षेत्र में न सिर्फ आत्मनिर्भर हो गए हैं, बल्कि निर्यात भी करते हैं। इस उपलब्धि में अन्नदाताओं का कठिन परिश्रम, वैज्ञानिकों की मेहनत एवं देश की कृषि सम्मत नीतियों का बड़ा योगदान है। आज देश में खाद्यान्न का उत्पादन लगभग 29.5 करोड़ टन हो गया है।

मंत्री तोमर गुरुवार को यहां कान्फेडरेशन आफ हार्टिकल्चर एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक वेबिनार में बतौर मुख्य-अतिथि बोल रहे थे।


उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान कृषि क्षेत्र ने आपदा को अवसर में बदलते हुए खाद्य आपूर्ति श्रंखला को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

तोमर ने कहा, हमारी कार्यशैली में बदलाव आया है, लोगों को प्रकृति के ज्यादा करीब आने का अवसर मिला है व खान-पान में हर्बल एवं औषधीय फसलों का उपयोग बढ़ा है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए औषधीय फसल- हल्दी, तुलसी, अदरक, गिलोय, लौंग, कालीमिर्च, दालचीनी आदि का उपयोग एवं मांग बढ़ी है। हम अपनी खाद्य श्रृंखला में बायोफोटीफाइड फसलों को शामिल करने व आहार में विविधता लाने का भी प्रयास कर रहे हैं, जिससे पोषण के लिए अनाजों पर निर्भरता कम हो।

कार्यक्रम मको कान्फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ. एच.पी. सिंह और नेशनल रेनफेड एरिया अथारिटी के सीईओ डॉ. अशोक दलवई ने भी संबोधित किया।

–आईएएनएस

पीएमजे/एसजीके

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