इस्लामाबाद, 30 दिसंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान की प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने विवादास्पद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) संशोधन अध्यादेश पर सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की आलोचना करते हुए सरकार से इस नए पेश किए गए अध्यादेश पर संसद में बहस करने को कहा है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेताओं का आरोप है कि सरकार ने वर्तमान सरकार में बड़े भ्रष्टाचार के मामलों की जांच से एनएबी को रोकने के लिए अध्यादेश पेश किया है।
पीएमएल-एन की सूचना सचिव मरियम औरंगजेब ने रविवार को एक बयान में कहा कि उनकी पार्टी ने प्रधानमंत्री इमरान खान के एनएबी अध्यादेश को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि पीटीआई सरकार अपने बड़े भ्रष्टाचार घोटालों में सभी पूछताछ को रोकने के लिए और अपनी छवि को बेहतर बनाए रखने के लिए अध्यादेश लेकर आई है।
औरंगजेब ने सरकार को व्यवसायों के खिलाफ बताते हुए कहा, “अगर सरकार व्यवसायों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध होती तो वह अस्थायी अध्यादेश के बजाए संसद के माध्यम से एक स्थायी कानून लाती।”
पीएमएल-एन नेता ने कहा कि एनएबी अध्यादेश को संसदीय समिति के सामने नहीं लाया गया और यह सरकार के बुरे इरादों को साबित करता है।
पीपीपी सेंट्रल पंजाब के अध्यक्ष कमर जमान कैरा ने एक संवाददाता सम्मेलन में अदालतों में विवादास्पद अध्यादेश को चुनौती देने के विचार का विरोध किया और सरकार से उचित कानूनी रूप में संसद के सामने विवादास्पद अध्यादेश लाने का आग्रह किया।
कैरा ने एक सवाल के जवाब में कहा, “हम हर मामले को अदालतों में नहीं ले जाना चाहते। हम संसद में बात करना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि पीपीपी नेतृत्व और इसकी कानूनी टीम वर्तमान में अध्यादेश की समीक्षा कर रही थी।
अध्यादेश जारी करने को इमरान खान का एक और यू-टर्न करार देते हुए कैरा ने कहा कि सरकार यह अध्यादेश केवल प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों को बचाने के लिए लाई है।
उन्होंने कहा कि एनएबी सरकारी लोगों, न्यायपालिका, सेना, नौकरशाही और व्यापारियों की जवाबदेही के लिए नहीं, बल्कि केवल पीपीपी और पीएमएल-एन की जवाबदेही के लिए है।
पीपीपी नेता ने आरोप लगाया कि नए अध्यादेश का मुख्य उद्देश्य एनएबी को मलम जेबा और पेशावर बीआरटी (बस रैपिड ट्रांसपोर्ट) जैसे घोटाले करने से रोकना है।