2009 स्विस विमान खरीद मामला : संजय भंडारी समेत कई वायुसेना अधिकारियों पर केस दर्ज

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नई दिल्ली | सीबीआई ने शनिवार को कहा कि उसने हथियारों के डीलर संजय भंडारी और भारतीय वायुसेना (आईएएफ) व रक्षा मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ साल 2009 के प्रशिक्षण विमान सौदा मामले में मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसी ने एफआईआर दर्ज करने के बाद भंडारी के ठिकानों पर 2,895.63 करोड़ के सौदे के सिलसिले में तलाशी ली।

लंदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के लिए कथित तौर पर एक बेनामी घर खरीदने के मामले में भंडारी के खिलाफ पहले से ही जांच चल रही है।


सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “2009 में 75 बेसिक ट्रेनर विमानों की खरीद में कथित नियमितताओं को लेकर बुधवार को ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के दोनों निदेशकों भंडारी और बिमल डेरेन और स्विट्जरलैंड स्थित विमान बनाने वाली कंपनी पिलाटस एयरक्राफ्ट लिमिटेड के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।”

सीबीआई ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने 16 दिसंबर, 2009 को 75 बेसिक ट्रेनर विमानों की खरीद के लिए अनुरोध प्रस्ताव जारी किया और स्विट्जरलैंड का पिलाटस एयरक्राफ्ट लिमिटेड बोली लगाने वालों में से एक था।

सीबीआई ने आरोप लगाया, “भारतीय वायुसेना को 75 बेसिक ट्रेनर विमानों की आपूर्ति को लेकर अनुबंध प्राप्त करने के लिए, पिलाटस एयरक्राफ्ट रक्षा सेवा प्रक्रिया 2008 के उल्लंघन में जून 2010 में सेवा प्रदाता समझौते पर संजय भंडारी के साथ हस्ताक्षर करके बिमल सरीन और संजय भंडारी के साथ आपराधिक साजिश में शामिल हुआ।”


एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि कुछ अज्ञात वायुसेना अधिकारियों और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए 339 करोड़ रुपये तक की रिश्वत दी गई जो खरीद प्रक्रिया से जुड़े थे।

सीबीआई ने कहा कि साल 2011 से 2015 तक पिलाटस एयरक्राफ्ट्स ने अनुबंध प्राप्त करने के लिए भंडारी से संबंधित दुबई स्थित कंपनी ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस एफजेडसी के बैंक खातों में भुगतान किया।

सीबीआई ने 11 नवंबर, 2016 को रिश्वत के आरोपों की तस्दीक के लिए प्रारंभिक जांच (पीई) शुरू की थी।

सीबीआई अधिकारी ने कहा कि एजेंसी स्विस विमान कंपनी को ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की जांच कर रही है।

सीबीआई ने जांच के बाद आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से निपटने के लिए भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की।

भंडारी की कंपनियों- ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और दुबई स्थित ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस एफजेडसी के साथ-साथ उसके सहयोगियों हिमांशु वर्मा, दीपक अग्रवाल और एक अज्ञात व्यक्ति को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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