केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने गुरुवार को कहा कि CBSE ने 2020 से 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए परीक्षा फीस 750 से बढ़ाकर 1500 रुपए कर दी है। यह दुगुनी बढ़ोतरी ‘नो प्रॉफिट-नो लॉस’ पर आधारित है और एससी-एसटी के छात्र-छात्राओं को भी बढ़ी हुई फीस देनी होगी। सिर्फ दिल्ली के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को बढ़ी हुई फीस नहीं देनी होगी।
केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि सीबीएसई ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों को छोड़कर, पूरे देश के स्कूलों में 10वीं और 12वीं के लिए परीक्षा फीस बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये फीस सभी कैटेगरी के छात्रों के लिए हैं।
प्रायोगिक परीक्षा शुल्क भी बढ़ाया
सीबीएसई की 12वीं कक्षा के लिए प्रायोगिक परीक्षा का शुल्क भी 70 रुपये प्रति विषय बढ़ाया गया है। छात्रों को प्रत्येक प्रायोगिक परीक्षा के लिए अब 80 रुपये की जगह 150 रुपए चुकाने होंगे। 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को नौंवी और ग्यारवहीं कक्षाओं में ही पंजीकरण करवाना होगा।
सबको देनी होगी बढ़ी हुई फीस
बोर्ड के फैसले के बाद, पहले ऐसी चर्चा थी कि यह बढ़ोतरी केवल एससी और एसटी के लिए है और उन्हें 350 के बजाय 1200 रु. देने होंगे। जबकि सामान्य वर्ग के छात्रों के शुल्क में दो गुनी वृद्धि की गई है और अब उन्हें 750 के स्थान पर 1500 रुपये देने होंगे। बाद में बोर्ड ने स्पष्टीकरण दिया कि बढ़ी हुई फीस सभी के लिए है। सिर्फ दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों को छूट की बात कही गई।