पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग के लिए अपने एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने की घोषणा करते हुए कहा कि अगर बिहार की सरकार चाहे तो कोरोना से लड़ने में नेता प्रतिपक्ष के नाते आवंटित आवास का आइसोलेशन वार्ड, जांच केंद्र या क्वारंटाइन के लिए इस्तेमाल कर सकती है।
तेजस्वी ने सोमवार को बिहार के नागरिकों से अपील की है, “इस कठिन घड़ी में सभी सामर्थ्यवान राज्यवासी जिम्मेदारी से अपना-अपना कर्तव्य निभाएंगे। साथी बिहारवासियों के जीवन सुरक्षा का जिम्मा लेंगे। जितना बन पड़ेगा, उतना करेंगे। कोरोना से लड़ेंगे, मिलकर उसे हराएंगे, बिहार को सुरक्षित बनांएगे।”
तेजस्वी ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट में लिखा है कि अब समय आ गया है कि हम सभी को कोरोना का खिलाफ लड़ाई को तेज करना होगा। बिहार में कोरोना वायरस से फैलाव और उसके चलते हुई मृत्यु दुखद है। सरकार को हर लापरवाही त्याग कर त्वरित एक्शन लेना होगा। इस लड़ाई में हम सभी सरकार का हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार हैं।”
इस कठिन घड़ी में सभी सामर्थ्यवान राज्यवासी ज़िम्मेदारी से अपना-अपना कर्तव्य निभाएँगे। साथी बिहारवासियों के जीवन सुरक्षा का ज़िम्मा लेंगे। जितना बन पड़ेगा, उतना करेंगे। कोरोना से लड़ेंगे, मिलकर उसे हराएँगे, बिहार को सुरक्षित बनाएँगे।#Covid_19india pic.twitter.com/YZg84RNfZ7
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 23, 2020
तेजस्वी ने आगे लिखा, “मुझे नेता प्रतिपक्ष होने के नाते पटना में जो सरकारी आवास मिला है मैं चाहूंगा कि उस आवास का उपयोग सरकार अपनी सुविधानुसार करें और कोरोना से लड़ने के लिए सार्थक कदम उठाए। इस बीमारी से लड़ने के लिए अपना एक माह का वेतन भी मैं मुख्यमंत्री सहायता राहत कोष में देने की घोषणा करता हूं।”
तेजस्वी ने आगे लिखा, “बिहार में कोरोना से एक जान चली गई है, लेकिन अब और नहीं। कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार की सकारात्मक पहल में पूरा सहयोग देंगे लेकिन किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी क्योंकि आखिरकार सवाल एक जिंदगी का है।”