मप्र में दूसरे राज्यों के फंसे 7 हजार मजदूरों की मदद

  • Follow Newsd Hindi On  

भोपाल, 16 अप्रैल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश सरकार ने मजदूरों की मदद की योजना पर अमल तेज कर दिया है। एक तरफ जहां दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की मदद के लिए राज्य सरकार ने पहल की है, वहीं दूसरे प्रदेशों के राज्य (मध्य प्रदेश) में फंसे सात हजार मजदूरों की मदद की जा रही है। इन मजदूरों को एक हजार रुपये की आर्थिक मदद के अलावा दैनिक उपयोग की सामग्री की भी आपूर्ति की जा रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के मकसद से देशव्यापी लॉक डाउन का दूसरा चरण चल रहा है। लॉक डाउन के कारण मध्य प्रदेश में दूसरे राज्यों और दूसरे राज्यों में मध्य प्रदेश के मजदूर फंसे हुए है। राज्य सरकार दोनों तरह के लोगों की मदद के प्रयास कर रही है।

आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में 22 राज्यों के सात हजार प्रवासी श्रमिक हैं। श्रम विभाग द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार राज्य में जो प्रवासी मजदूर है उनमें उत्तर प्रदेश के 1769, बिहार 1366, झारखंड 1030, पश्चिम बंगाल 725, छत्तीसगढ़ 324, गुजरात 266, राजस्थान 220 श्रमिक शामिल हैं। इसमें नेपाल देश का भी एक श्रमिक शामिल है। इन सभी मजदूरों केा एक-एक हजार रूपए की राशि दी गई है।


एक तरफ जहां राज्य में दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूर है, वहीं राज्य के मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन मजदूरों का ब्यौरा जुटाने की जिम्मेदारी कर्मचारी, जनप्रतिनिधियों केा सौंपी है। वहीं लॉक-डाउन की स्थिति में अन्य राज्यों में रुके मध्यप्रदेशवासियों की बुनियादी सुविधाओं की समस्याओं के निराकरण के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के सात अधिकारियों को अलग-अलग राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी है।

राज्य सरकार ने लोक निर्माण के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव को गुजरात एवं राजस्थान, एमएसएमई के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव को उत्तर प्रदेश, खनिज साधन विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई को दिल्ली एवं हरियाणा, जन-जातीय कार्य विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी को महाराष्ट्र, राज्य शिक्षा केंद्र की संचालक आइरिन सिंथिया को तमिलनाडु, मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी जबलपुर के प्रबंध संचालक वी़ किरण गोपाल को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना तथा मुख्यमंत्री के उप सचिव इलैया राजा टी को कर्नाटक तथा गोवा राज्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

बताया गया है कि संबंधित अधिकारी आवंटित राज्यों में मध्य प्रदेश के रुके हुए नागरिकों की भोजन, आश्रय आदि की उपलब्धता के संबंध में प्राप्त शिकायतों को टेलीफोन के माध्यम से संबंधित राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण व आवासीय आयुक्त अथवा जिला प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा कर निराकरण सुनिश्चित करेंगे।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में रुके प्रदेश के मजदूरों को उनके रूकने एवं भोजन व्यवस्था के लिए उनके खातों में एक-एक हजार रूपये जमा कराये जायेंगे। इसके अलावा, आवश्यकता पड़ने पर उन्हें और अधिक राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राशन कार्ड धारकों को इस माह से दो माह के लिए प्रति व्यक्ति पांच किलो राशन नि:शुल्क दिए जाने की व्यवस्था की जा रही है। इसमें एक किलो दाल और गेहूं-चावल दिया जाएगा। इसके अलावा, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनके लिये राशन की व्यवस्था की जा रही।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)