मध्य प्रदेश (MP) के शाजापुर जिले में एक प्राइवेट अस्पताल ने एक बुजुर्ग शख्स के साथ अमानवीय व्यवहार किया। यहां 80 साल बुजुर्ग के परिजन जब इलाज के लिए जरूरी रकम नहीं जमा कर पाए तो उस बुजुर्ग के हाथ और पैर ही पलंग से बांध दिए गए।
इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
अस्पताल का कहना है कि मरीज का शरीर इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से बार-बार अकड़ रहा था, ऐसे में वह खुद को चोट ना पहुंचा लें, इसलिए उन्हें बांधा गया था।
शाजापुर कलेक्टर दिनेश जैन ने सीएमएचओ से मामले की जांच करके रिपोर्ट देने को कहा है। बुजुर्ग की बेटी शीला दांगी ने बताया कि यहां के एक अस्पताल में उसने अपने बुजुर्ग पिता लक्ष्मी नारायण दांगी (80) को पेट की तकलीफ की वजह से भर्ती कराया था।
शाजापुर के एक अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार का मामला संज्ञान में आया है। दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 6, 2020
अस्पताल ने इलाज के लिए पहले छह हजार, फिर पांच हजार रुपए मांगे, जिसे जमा करा दिया गया। शीला का आरोप है कि शनिवार की सुबह उसने पैसे न होने पर अस्पताल से छुट्टी के लिए कहा, तो कर्मचारियों ने पहले फाइल देने में आनाकानी की।
शीला का कहना है कि जब हमने अस्पताल वालों से कहा कि अब हमारे पास रुपए नहीं हैं. आप पिता को लगाई पेशाब नली निकाल दो, हमें घर जाना है। इसके बाद ही उन्होंने हमें फाइल भी नहीं दी। इस पर जब हम अस्पताल से जाने लगे तो, वो पिता को पकड़कर ले गए और पलंग से बांध दिया।
इस मसले पर बात करते हुए आरएमओ डॉक्टर अतुल भावसार ने परिवार के आरोपों पर कहा कि लक्ष्मीनारायण को बंदी नहीं बनाया गया, उन्हें कंवलशन आ रहे थे बल्कि उन्हें इसलिए बांध कर रखा गया ताकि वो खुद को चोट ना पहुंचा लें और पलंग से गिर ना जाए।
विपक्षी दलों ने जब सोशल मीडिया के जरिए इस मामले को उठाया, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्रवाई की बात कही। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि जिस अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार किया है उन दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।