Maharashtra: ‘लेडी सिंघम’ खुदकुशी केस में सरकार ने की कार्रवाई

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महाराष्ट्र: महिला वन अधिकारी और ‘लेडी सिंघम’ के नाम से मशहूर दीपाली चव्हाण-मोहिते (Famous Deepali Chavan-Mohite) की ओर से अमरावती में अपने घर पर खुदकुशी करने के बाद अब महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtra) ने मंगलवार को एक शीर्ष भारतीय वन सेवा अधिकारी को निलंबित कर दिया। वन अधिकारी दीपाली चव्हाण के खुदकुशी मामले में पूर्व अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मेलघाट टाइगर रिजर्व (एमटीआर) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक एमएस रेड्डी को निलंबित कर दिया गया है।

‘लेडी सिंघम’ की आत्महत्या के बाद राजनीति गर्मा गई और इसी बीच महिला और बाल कल्याण मंत्री यशोमति ठाकुर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फोन किया और एक ज्ञापन सौंपकर मामले में शामिल सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।


शुक्रवार को अमरावती पुलिस ने आईएफओएस अधिकारी बी. विनोद शिवकुमार को गिरफ्तार किया था. वह नागपुर से बेंगलुरु भागने की योजना बना रहा था और बाद में राज्य सरकार ने उसे निलंबित कर दिया, क्योंकि इस घटना ने सरकार और नौकरशाही हलकों में बड़े पैमाने पर खलबली मचा दी थी।
रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर (आरएफओ) 28 वर्षीय चव्हाण-मोहिते, जिन्होंने अपने सरकारी क्वार्टर में खुदकुशी कर ली थी, उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें ‘लेडी सिंघम’ ने यौन उत्पीड़न से लेकर रेड्डी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे।

रेड्डी के अलावा शिवकुमार पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यौन उत्पीड़न, पेशेवर यातना, वित्तीय नुकसान और मानसिक आघात जैसे आरोप लगाए गए हैं।

बता दें कि दीपाली चव्हाण-मोहिते के मुखर स्वभाव की वजह से लोग उन्हें ‘लेडी सिंघम’ के नाम से बुलाते थे। वह बुलेट मोटरसाइकिल चलाती थीं और कई बार पेड़ों की कटाई कर रहे तस्करों को भी उन्होंने खदेड़ा था। कुछ ही दिनों में वे इलाके में बेहद लोकप्रिय हो गई थीं और माना जा रहा है कि इसी वजह से वे अपने उच्चाधिकारियों की नजर में खटकने लगी थीं।


(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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