साल 2011, दिन शनिवार और तारीख 2 अप्रैल यानि आज ही के दिन भारत ने 28 साल का लंबा इंतजार खत्म कर क्रिकेट विश्व कप पर कब्जा जमाया था। भारत ने इस खिताबी मुकाबले में श्रीलंका के 275 रनों के मजबूत लक्ष्य का पिछा करते हुए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली टीम इंडिया ने 48.2 ओवर में ही 277 रन बना कर छह विकेट से जीत अपने नाम कर ली।
देखिए भारत के जीत की कहानी, तस्वीरों की जुबानी
भारत की तरफ से कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने धमारेदार 91 रन की नाबाद पारी खेली जबकि गौतम गंभीर ने शानदार 97 रन बनाए।
फाइनल के रोमांचक मैच में धोनी के साथ मिलकर युवराज सिंह ने नाबाद 54 रन जोड़कर टीम इंडिया को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
सहवाग को बिना खाता खोले ही, जबकि सचिन को 18 रन पर लेथिस मलिंगा ने आउट कर दिया।
गंभीर ने विराट कोहली के साथ मिलकर 83 रन जोड़ते हुए टीम इंडिया को शुरुआती संकट से उबारा।
धोनी और गंभीर ने शानदार 109 रन की साझेदारी करके टीम इंडिया की जीत की इबारत लिख डाली।
कोहली ने दिलशान के ओवर की तीसरी गेंद पर चौका जड़ा लेकिन वह अगली ही गेंद पर उन्हीं को कैच दे बैठे और बिना किसी गलती के दिलशान ने शानदार कैच लपका।
धोनी ने मुरलीधरन की गेंद पर चौका जमाते हुए 52 गेंदों पर चार चौकों की मदद से विश्व कप में अपना पहला अर्धशतक पूरा किया।
धोनी और गंभीर ने तालमेल जारी रखते हुए 106 गेंदों पर शतकीय साझेदारी करके टीम इंडिया की जीत की उम्मीदों को जीवंत रखा।
गंभीर शतक के करीब ही थे कि तभी वह थिसारा परेरा की गेंद पर आगे बढ़ने खेलने के चक्कर में बोल्ड हो गए।
भारतीय टीम ने 28 साल के अंतराल के बाद आईसीसी विश्व कप पर कब्जा कर लिया, घरेलू धरती पर जीतने वाली पहली मेजबान टीम बन गई।
भावुक युवराज सिंह को मैन ऑफ़ द सीरीज़ और एमएस धोनी को मैन ऑफ़ द मैच चुना गया । युवराज सिंह ने कप्तान माही का अच्छा साथ दिया, जिन्हेंने अपनी शैली में छक्का लगा कर मैच का अंत किया।