झारखंड: नाथूराम गोडसे के सम्मान में रखा गया चौक का नाम, बोर्ड को हटाने में प्रशासन नाकाम

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झारखंड: नाथूराम गोडसे के सम्मान में रखा गया चौक का नाम, बोर्ड को हटाने में प्रशासन नाकाम

साध्वी प्रज्ञा के गोडसे को लेकर दिए गए बयान के बाद झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहाँ रविवार को धूम-धाम से गोडसे जयंती मनाई गयी। इस मौके पर चक्रधरपुर शहर में एक चौक का नाम बदलकर नाथूराम विनायक गोडसे चौक रख दिया गया। स्थानीय लोगों ने नाथूराम गोडसे के नाम का एक बड़ा सा मेटल बोर्ड भी लगा दिया। इसके बाद विधिवत पूजा अर्चना की गयी और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ फीता काटकर नाथूराम गोडसे चौक का उद्घाटन किया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, चक्रधरपुर में झुमका मोहल्ला के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर गिरिराज सेना ने रविवार को के संतोषी मंदिर के पास पंडित हाता चौक का नाम बदलकर नाथूराम गोडसे चौक रख दिया। चौक का नामकरण किये जाने के बाद लोगों ने मिठाइयां बांटी और गोडसे के समर्थन में जमकर नारे भी लगाए।


प्रशासन को जब इस बात की खबर हुई, तो देर रात वह मौके पर पहुंची और गोडसे चौक के बोर्ड को हटाने को लेकर काफी देर तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला। चक्रधरपुर के बीडीओ रामनारायण सिंह और थाना प्रभारी गोपीनाथ तिवारी ने मौके पर पहुंचकर लोगों से गोडसे चौक का बोर्ड हटाने को कहा। लेकिन लोगों ने प्रशासन की एक न सुनी और बोर्ड हटाने से साफ मना कर दिया।

अधिकारियों का कहना था कि पर्याप्त प्रशासनिक इजाजत के बिना चौक का नाम नहीं बदला जा सकता है और न ही कोई बोर्ड लगाया जा सकता है। इस पर स्थानीय लोगों ने इजाजत के लिए 24 घंटे का समय मांगा, लेकिन बोर्ड को हटाने से स्पष्ट इंकार कर दिया।

पुलिस को नहीं हुई बोर्ड हटाने की हिम्मत

देर रात तक पुलिस और मौके पर मौजूद लोगों के बीच बहस होती रही। पुलिस के लाख समझाने के बाद भी लोग नहीं माने और प्रशासन को खुद से ही बोर्ड हटाने की चुनौती दे दी। इसके बावजूद गोडसे चौक के बोर्ड को हटाने की हिम्मत पुलिस-प्रशासन की नहीं हुई। देर रात तक नोक- झोंक चलती रही, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला।


स्थानीय लोगों का कहना है कि गोडसे क्रांतिकारी नेता थे। अगर गोडसे ने गांधी की हत्या नहीं की होती, तो देश के और भी कई टुकड़े हो जाते। गोडसे के कदम से भारत टुकड़ों में बांटने से बच गया। इसके अलावा लोगों ने कांग्रेस पर देश के क्रांतिकारियों के बारे में झूठ फैलाकर उन्हें इतिहास में दरकिनार करने का आरोप भी लगाया। लोगों का कहना था कि नाथूराम गोडसे की जयंती पर आगे भी कार्यक्रम होते रहेंगे।

गौरतलब है कि पिछले दिनों भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने गोडसे को देशभक्त बताया था। हालाँकि कुछ देर बाद उन्होंने माफी भी मांग ली थी। बीजेपी के कुछ नेताओं ने भी साध्वी के इस बयान का बचाव किया था। लेकिन, पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा कि साध्वी का यह बयान भयंकर खराब था और इसके लिए वह उन्हें कभी मन से माफ नहीं कर पाएंगे।

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