Bank Jobs: देश के बैंकों में केन्द्रीयकृत तरीके से नौकरी के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (आईबीपीएस) द्वारा परीक्षा आयोजित की जाती है। अगर आईबीपीएस के आंकड़ों पर गौर की जाए तो पता चल जाएगा कि पिछले नौ साल में बैंकिंग सेक्टर में काफी संख्या में नौकरियां घटी हैं।
साल 2012 में आईबीपीएस ने बैंकों में नौकरी के लिए 22 हजार भर्तियां निकाली थी, जो कि साल 2020 में घटकर 1167 पर पहुंच गई हैं। साल 2012 से लगातार पदों की संख्या में गिरावट हुआ है। 2017 में कुल 3562 भर्ती निकली थी। इसके बाद वाले साल 2018 में सात सौ अधिक पदों पर भर्ती निकाली गई थी।
जिस रफ्तार से बैंकिंग सेक्टर में तेजी से नौकरियां घटी हैं, उससे काफी युवा हताश हो रहे हैं। यह स्थिति सिर्फ बैंकिंग सेक्टर की नहीं है बल्कि रेलवे में भी नौकरियों के अवसर कम हुए हैं। यही कारण है कि रेलवे ने ग्रुप डी की वैकेंसी ही समाप्त कर दी है। इसमें लाखों नौकरियां होती थीं। इसका भी पत्र जारी कर दिया गया है।
इधर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने वाले डॉ. एम रहमान, नवीन कुमार कहते हैं नौकरियों की संख्या काफी तेजी से घटी है। इसकी वजह से बेरोजगार छात्रों की परेशानियों में और इजाफा हो गया हैं। एक परीक्षा को पूरा कराने में दो साल से अधिक लग रहा है। समय पर परीक्षाएं और रिजल्ट नहीं आ पा रहे हैं।
आपको बता दें कि दो साल पहले आरआबी ने स्नातक स्तरीय एनटीपीएसी के लिए लगभग साढ़े 34 हजार वैकेंसी निकाली थी। इसकी परीक्षा कराने के लिए अभी तक कोई वेंडर नहीं मिला है। इस परीक्षा के लिए छात्रों से फॉर्म के नाम पर अच्छी-खासी राशि वसूली की गई। इस परीक्षा के लिए सवा करोड़ छात्रों ने आवेदन किया था।
जबकि दूसरी ओर लोको पायलट सहित कई अन्य परीक्षा हुई थी पर इसकी भी ज्वाइनिंग में काफी विलंब हो रहा है। सफल छात्र ज्वाइनिंग के लिए परेशान हैं। वहीं आवेदन करने वाले परीक्षार्थी दो साल से परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। एसएससी द्वारा आयोजित कराई जाने वाली परीक्षा का भी बुरा हाल है।