भारत-चीन सीमा विवाद पर अगले हफ्ते 8वें दौर की होगी बातचीत

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नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधि पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए अगले हफ्ते आठवीं बार बातचीत करेंगे।

इससे पहले, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर फोर्स की तैनाती कम करने के मुद्दे पर सभी दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी। अब सर्दियां भी आ गई हैं और सैनिकों को शून्य से 30 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान में वहां रहना पड़ रहा है।


इस बार लेफ्टिनेंट जनरल पी.जी.के मेनन भारत की ओर से बातचीत का नेतृत्व करेंगे, जबकि विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहेंगे।

लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह का भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में तबादला होने के बाद, मेनन ने अक्टूबर के मध्य में 14 कोर कमांडर का कार्यभार संभाला, जहां वो सेना के अधिकारियों के प्रशिक्षण के प्रभारी होंगे।

इससे पहले दोनों देशों के सैन्य कमांडरों ने भारत-चीन सीमा पर छह महीने से चल रहे गतिरोध को हल करने के लिए सात बार मुलाकात की थी। अंतिम बैठक 12 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें भी कोई फैसला नहीं निकल पाया था।


बैठक के बाद, भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर कहा था कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर फोर्स की तैनाती कम करने को लेकर रचनात्मक बातचीत की।

सेना ने ये भी कहा था कि दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत जारी रखने के लिए सहमत हैं, और जितनी जल्दी हो सके फोर्स कम करने पर राजी हो जाएंगे।

30 अगस्त को, भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित महत्वपूर्ण पहाड़ी ऊंचाइयों — रेचन ला, रेजांग ला, मुकर्पी और टेबोप पर कब्जा कर लिया था, जो तब तक मानव रहित थे। भारत ने ब्लैकटॉप के पास कुछ फोर्स की तैनाती भी की है।

अब, इन चोटियों पर कब्जे से भारत, चीनी नियंत्रण वाले स्पंगुर दर्रे और मोल्डो गैरिसन पर नजर रख सकता है।

भारत और चीन के बीच सीमा पर पिछले छह महीने से गतिरोध बना हुआ है। कई स्तरों की बातचीत के बाद भी कोई सफलता नहीं मिली है।

–आईएएनएस

एसकेपी/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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