बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने मंगलवार को दसवीं का रिजल्ट घोषित कर दिया है। इस बार बिहार में कुल 80.59 फीसदी छात्र-छात्रा परीक्षा में सफल हुए हैं। इस साल बिहार में इस साल कुल 15 लाख 29 हजार 393 विद्यार्थी बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुए। जिनमें 12 लाख 4 हजार 30 छात्र मैट्रिक की परीक्षा में सफल हुए हैं। वहीं, पास होने वाले छात्रों की संख्या 6 लाख 13 हजाप 485 है और छात्राओं की संख्या 5 लाख 90 हजार 545 है।
सिमुलतला आवासीय विद्यालय पर थी निगाहें
हर साल की तरह इस साल भी बिहार में टॉपर्स की फैक्ट्री कहे जाने वाले सिमुलतला आवासीय विद्यालय के रिजल्ट पर सबकी निगाहें टिकी थीं। लेकिन, हर साल के मुकाबले इस साल सिमुलतला विद्यालय के स्टूडेंट्स का प्रदर्शन फीका रहा। इस बार टॉप टेन में सिमुलतला के एक भी छात्र अपनी जगह नहीं बना सका। दरअसल, पिछले दो सालों से लगातार टॉप 20 में 16 छात्र इसी स्कूल के थे, जिसके बाद माना रहा था कि इस बार भी यहां के विद्यार्थी जलवा दिखाएंगे।
सफलता की हैट्रिक लगाने से चूका स्कूल
पिछले दो सालों में खासकर यहां विद्यार्थियों ने नया कीर्तिमान रचा है। 2018 और 2019 में टॉप 20 में 16 छात्र यहां के थे तो अब 2020 में स्कूल से हैट्रिक बनाने की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन इस साल टॉप 20 में यहां के एक छात्र ने अपनी जगह बनाई है।
फीके प्रदर्शन पर शिक्षा मंत्री ने कहा
सिमुलतला विद्यायलय के फीके प्रदर्शन पर बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा है कि स्कूल के नतीजों पर समीक्षा का जरूरत है। आपको बता दें कि, सिमुलतला आवासीय विद्यालय का निर्माण 2010 में नीतीश सरकार के कार्यकाल में ही हुआ था। शिक्षा विभाग की ओर से इस स्कूल को बजट भी प्रदान किया जाता है।