कोरोना महामारी के कारण देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है। इस वजह से कई लोग अपने घरों से सैकड़ों-हजारों मील दूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक अधिसूचना जारी कर दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं और अन्य लोगों को वापस लाने की अनुमति दे दी। अधिसूचना के मुताबिक राज्य सरकार आवागमन के लिए बस का इस्तेमाल कर सकती है। बसों को सैनिटाइज करना आवश्यक है तथा सोशल डिस्टेंसिग का पालन होना चाहिए।
इसके बाद बिहार में जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने राजस्थान के कोटा में फंसे बिहारी छात्रों को वापस लाने के लिए गुरुवार को 30 बसें भेजीं। इसकी जानकारी पप्पू यादव ने ट्वीट कर दी।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि बिहार सरकार के पास धन नहीं है। मैं तन-मन-धन से हर बिहारी को बिहार वापस लाने को प्रतिबद्ध हूं। कोटा से छात्रों को लाने हेतु वहां 30 बस लगवा दिया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से आग्रह है कि वह बस सेनेटाइज करवा कर, छात्रों की सुरक्षित यात्रा का इंतज़ाम सुनिश्चित कराएं।
बिहार सरकार मेरे समक्ष आत्मसमर्पण कर दे, मैं पूरे देश में फंसे एक-एक बिहारी को ले आऊंगा।धन नहीं है, पर मन है, दिल है।मेरी हर सांस,हर रिश्ता,हर संबंध बिहार के लिए समर्पित है।
मित्र श्रेष्ठ अग्रवाल जी और अन्य साथियों-शुभचिंतकों के सहयोग से कोटा में बस का इंतज़ाम सुनिश्चित किया है।
— Sewak Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) April 30, 2020
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि बिहार सरकार मेरे समक्ष आत्मसमर्पण कर दे, मैं पूरे देश में फंसे एक-एक बिहारी को ले आऊंगा। धन नहीं है, पर मन है, दिल है। मेरी हर सांस,हर रिश्ता,हर संबंध बिहार के लिए समर्पित है।
गौरतलब है कि जाप अध्यक्ष पिछले कई दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह करते आ रहे है कि वे कोटा में फंसे बिहारी छात्रों को वापस लाने की व्यवस्था करें। पप्पू यादव के करीबी सूत्रों के मुताबिक, कोटा से बिहार तक आने के लिए एक बस का खर्चा एक लाख साठ हज़ार रुपये है। इस हिसाब से पप्पू यादव छात्रों को लाने के लिए 48 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं। इसमें 20 लाख रुपये उन्होंने बस मालिकों को एडवांस भी दे दिए हैं।