बिहार: आसमान से गिरा रहस्यमयी काला पत्थर, प्रशासन ने कब्जे में लेकर जांच को भेजा

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बिहार: आसमान से गिरा रहस्यमयी काला पत्थर, प्रशासन ने कब्जे में लेकर जांच को भेजा

बिहार के मधुबनी में मंगलवार को एक हैरान करने वाली घटना सामने आई। दरअसल जिले के लौकही थाना स्थित कौरयाही गांव के खेत में आसमान से एक 15 किलोग्राम का पत्थर गिरा। पत्थर गिरने की आवाज लगभग 5 किलोमीटर दूर तक सुनी गई। माना जा रहा है कि यह पत्थर किसी दूसरे ग्रह का टुकड़ा हो सकता है। जिला प्रशासन ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है और CM नीतीश कुमार ने इसे पटना के बिहार संग्रहालय में रखने की बात कही है।

खेत में धंस गया था पत्थर

ग्रामीणों के अनुसार आसमान से तेज आवाज के साथ पत्थर राम इकबाल के खेत में गिरा, जिससे वह खेत में कुछ फीट नीचे धंस गया। साथ ही यह दावा है कि पत्थर गिरने वाली जगह पर कुछ पल के लिए सफेद धुंआ देखा गया। पत्थर धंसने वाली जगह तत्काल गर्म पाई गई थी। इस अजीबोगरीब घटना से आश्चर्यचकित प्रत्यक्षदर्शियों ने तत्काल पत्थर धंसने वाली जगह पर खोदाई कर उक्त पत्थर को बाहर निकाला। इस घटना की जानकारी मिलते ही पत्थर को देखने के लिए आसपास के गांवों के लोगों की भीड़ जुटने लगी।


जिला प्रशासन ने पत्थर को कब्जे में लिया

घटना की सूचना मिलने पर लौकही थानाध्यक्ष अरविंद कुमार, अंचल अधिकारी त्रिपुरारी श्रीवास्तव, प्रखंड प्रमुख वरुण कुमार मौके पर पहुंच कर उक्त पत्थर को अपने कब्जे में लेकर उसे थाना ले आए। बाद में डीएम के आदेश पर  सोमवार की रात अंचलाधिकारी ने उसे जिला कोषागार में ले जाकर सुरक्षित रखवा दिया था। खेत से पत्थर निकालने वालों ने उसका वजन तकरीबन 15 किलो तक का होने का अनुमान किया है। लोगों की मानें तो आसमान से पत्थर गिरने के साथ तेज आवाज करीब पांच किलोमीटर की दूरी तक सुनाई दी थी। लोगों ने बताया कि उक्त पत्थर चुंबकीय गुण है। पत्थर के निकट लोहा लाते ही वह उसे अपनी ओर खींच लेता था।

उल्कापिंड हो सकता है पत्थर

भूगोलवेत्ता के अनुसार यह घटना उल्कापिंड गिरने की घटना हो सकती है। स्थानीय रामकृष्ण महाविद्यालय के भूगोल विभाग के अतिथि शिक्षक प्रो. अमित कुमार ने इस संबंध में कहा कि उल्का पिंड ग्रह के टुकड़े होते हैं तथा यह स्वतंत्र अवस्था में ब्रह्मांड में घूमते रहते हैं। उल्कापिंड ब्रह्मांड में करोड़ों – अरबों की संख्या में मौजूद होते हैं तथा यह घूमते-घूमते कभी-कभी पृथ्वी की गुरुत्वकार्षण शक्ति के कारण पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं एवं तेजी से पृथ्वी पर गिरने लगते हैं। आम तौर पर  वायुमंडलीय घर्षण से यह आसमान में ही जलकर राख हो जाते हैं। कभी-कभी ये बड़े आकार में पृथ्वी पर गिरने के समय पूरी तरीके से जल नहीं पाते एवं बचा हुआ भाग पृथ्वी पर गिर जाता है।


सीएम बोले, संग्रहालय में रखा जाएगा पत्‍थर

वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मधुबनी जिले के लौकही में आसमान से गिरे चुंबकीय पत्थर को राजधानी स्थित संग्रहालय में लाया जाएगा।

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