Manipur Floor Test: मणिपुर में सरकार बचाने के लिए बीरेन सिंह सरकार का आज फ्लोर टेस्ट, कांग्रेस-बीजेपी ने विधायकों को जारी किया व्हिप

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Biren Singh government's floor test today to save government in Manipur

मणिपुर में सियासी संकट गहराता जा रहा है। राज्य में चार मंत्रियों और तीन बीजेपी (BJP) विधायकों के इस्तीफे के बाद एन बिरेन सिंह की सरकार अब खतरे में नज़र आ रही है। मौजूदा सियासी संकट के बीच आज मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Biren Singh) विधानसभा में फ्लोर टेस्ट देंगे।

मणिपुर विधानसभा के सचिव एम. रमणी देवी द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया है कि मुख्यमंत्री सोमवार को विश्वास प्रस्ताव लाएंगे और मंत्रिपरिषद के साथ फ्लोर टेस्ट देंगे। बीजेपी और कांग्रेस (Congress) ने फ्लोर टेस्ट को लेकर अपने-अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है।


मणिपुर में कांग्रेस के प्रवक्ता निंगोबम बूपेंडा मीतेई ने कहा कि कांग्रेस द्वारा पारित अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करने के बजाय विधानसभा ने बीजेपी द्वारा भेजे गए विश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। प्रवक्ता ने कहा, ‘कांग्रेस को भरोसा है कि सदन में बीजेपी का विश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा।

कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को सदन में उपस्थित रहने और विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने के लिए पहले ही व्हिप जारी कर दिया है। हम सरकार द्वारा लिए गए विश्वास मत को पराजित करेंगे। हम 2017 के चुनाव में लोगों के असली जनादेश को हकीकत में बदल देंगे।’

मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व में गणबंधन की सरकार है। लेकिन 17 जून को एनपीपी के चार विधायकों, तृणमूल कांग्रेस के एकमात्र विधायक और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन वापस लेने के बाद सरकार संकट में आ गई है। बीजेपी के अपने तीन विधायक भी पार्टी छोड़ चुके हैं और कांग्रेस में शामिल हो गए।


ऐसे में सरकार को बचाने के लिए सीएम बिरेन सिंह को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना ही होगा। नए राजनीतिक ड्रामे के बाद मुख्यमंत्री के खिलाफ विधायकों की संख्या अब 29 हो गई है। सीएम बिरेन सिंह के समर्थन में 23 विधायक हैं जिनमें बीजेपी के 18, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के चार और एलजेपी के एक विधायक हैं।

साल 2017 में 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 28 सीटें जीतने के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि बीजेपी के खाते में 21 सीटें आई थी। इसके अलावा एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) और नगा पीपल्स फ्रंट के 4 विधायक भी चुनाव में जीते थे।

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