‘छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति की देश-विदेश में अमिट छाप’

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रायपुर, 4 नवंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। रायपुर स्थित अटल नगर के पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्योग एवं व्यापार परिसर में एक से तीन नवंबर तक चले छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2018 का शनिवार रात यहां समापन हो गया। छत्तीसगढ़ लोक आयोग के प्रमुख लोकायुक्त न्यायमूर्ति टी.पी. शर्मा ने समारोह के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति ने देश-विदेश में अमिट छाप छोड़ी है। न्यायमूर्ति टी.पी. शर्मा ने समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित शिरकत की थी।

न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोककला और लोक संस्कृति समृद्ध है। यहां की कला और संस्कृति की अमिट छाप देश ही नहीं विदेश में भी है। छत्तीसगढ़ के सरहुल, करमा, पंथी, राउत नाचा और गौर लोक नृत्य जहां आनंद और उल्लास भरते हैं, वहीं पंडवानी, रहस, नाचा-गम्मत लोगों को मंत्र-मुग्ध कर देते हैं।


उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। राज्य का निर्माण यहां के समग्र विकास और प्राकृतिक संसाधनों के संपूर्ण उपयोग एवं उपभोग के लिए हुआ था। राज्य उसी दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है। अठारह वर्ष की कम अवधि में ही छत्तीसगढ़ की देश-विदेश में एक अलग छवि स्थापित हुई है।

उन्होंने राज्योत्सव 2018 पर छत्तीसगढ़ की जनता को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि राज्योत्सव 2018 केवल राजधानी रायपुर में मनाया गया। इसे व्यापार मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों तक सीमित रखा गया, लेकिन राज्य की जनता ने राज्योत्सव में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो प्रशंसनीय है।

छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अजय सिंह ने कहा कि राज्योत्सव 2018 का आयोजन सीमित स्वरूप में किया गया। उसके बाद भी हमारी भावनाओं में कोई कमी नहीं आई। राज्य निर्माण से लेकर अभी तक के समय को पीछे मुड़कर देखने से यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रदेश ने आशातीत प्रगति की है। इसमें प्रदेश की जनता का उल्लेखनीय योगदान रहा है।


 

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