नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री व कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उन्हें जमानत दे दी। पूर्व वित्त मंत्री को 105 दिन जेल में रहने के बाद जमानत मिली है।
चिदंबरम ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने 2 लाख के बॉन्ड के साथ यह जमानत दी है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जेल से बाहर आने के बाद वह मीडिया से बात नहीं करेंगे। कोर्ट ने केस से जुड़े मामले में प्रेस इंटरव्यू और मीडिया में बयान देने पर रोक लगा दी है।
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा, ‘अपराध की गंभीरता को हर मामले के तथ्यों और परिस्थितियों से निपटना पड़ता है। आर्थिक अपराध गंभीर अपराध हैं। न्यायालयों को मामले की प्रकृति के प्रति संवेदनशील होना होगा। किसी अन्य मामले की मिसाल के आधार पर जमानत देने या जमानत से इंकार करने की जरूरत नहीं है। केस टू केस आधार पर विचार होना चाहिए।’
यात्रा के लिए कोर्ट से लेना होगा परमिशन
जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम पर कुछ शर्तें भी लगाई हैं। कोर्ट ने आदेश दिया है कि वह बिना परमिशन के यात्रा न करें। साथ ही कोर्ट ने चिदंबरम को यह भी हिदायत दी है कि वो केस से जुड़े किसी गवाह से संपर्क न करें।
बता दें कि चिदंबरम को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 5 सितंबर को अरेस्ट किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने गत गुरुवार को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। उनके खिलाफ सीबीआई ने भी केस दर्ज किया था जिसमें उन्हें जमानत मिल चुकी है। अब वह जेल से बाहर आ जाएंगे। जस्टिस आर बानुमति, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश रॉय की तीन जजों की बेंच फैसला सुनाया है।