चीन (China) ने हमेशा से भारत (India) को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। सिर्फ सीमाओं के जरिए ही नहीं वो सैटेलाइट को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर चुका है।
अमेरिका (USA) के चीन एयरोस्पेस स्टडीज इंस्टिट्यूट (CASI) की रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि वर्ष 2017 में चीन ने भारतीय कम्यूनिकेशन सैटेलाइट पर हमला किया था। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन के तरफ से यह कोशिश 2007 के बाद से लगातार हो रही है।
इस वक्त दुनियां के ताकतवर देश स्पेस वार की तरफ बढ़ते हए दिख रहे हैं। इसी वजह से अंतरिक्ष में घूमते सैटेलाइट्स पर हमले की आशंका हमेशा बनी रहती है। हर देश के लिए इन सैटेलाइट्स की सुरक्षा बड़ी प्राथमिकता होती है।
हमारे फोन से लेकर हवाई जहाज के उड़ान तक सब कुछ सैटैलाइट से जुड़ा हुआ है। अमेरिका की इस रिपोर्ट में वर्ष 2017 में भारतीय सैटेलाइट पर हुए कंप्यूटर नेटवर्क अटैक का विस्तार से जिक्र किया गया है।
ये रिपोर्ट 142 पन्नों की बताई जा रही है। इसमें यहां तक कहा गया है कि र्ष 2012 में जेट प्रपल्शन लैबारेटरी (JPL) के सिस्टम को भी हैक कर लिया गया था। जनाकारों की मानें तो इस तरह के हमले को लेकर चिंता करना तो बनता है, लेकिन, अगर हमारा सिस्टम इस अटैक के बाद भी सही काम कर रहा है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि उसने हमला किया या नहीं।
इस तरह के हमले कभी भी मिसाइल से नहीं किए जाते। क्योंकि अगर मिसाइल से हमला होगा तो उसे राडार पकड़ सकता है और उसकी सूचना आसानी से हासिल हो सकती है। जब इसरपर इलेक्ट्रॉनिक अटैक किया जाएगा तो उसका पता तभी लग पाएगा जब संचार व्यवस्था में दिक्कत आती है।
आपको बता दें कि एक समझौते हुआ था जिसमें ये तय किया गया था कि कोई भी देश दूसरे देश की सैटेलाइट को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। लेकिन इसके बाद भी ऐसा होता रहा है। अमेरिका की ये रिपोर्ट इसका सुबूत है।