चिन्मयानंद मामला : सुप्रीम कोर्ट ने छात्रा को कॉलेज बदलने की अनुमति दी

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नई दिल्ली, 4 सितम्बर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कानून की छात्रा को अन्य विश्वविद्यालय में दाखिला लेने की अनुमति दी। छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

न्यायमूर्ति आर.भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश दिया। अदालत ने यह आदेश उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एलएलएम की छात्रा व उसके भाई को अन्य कॉलेज में स्थानांतरण की सभी व्यवस्था किए जाने की बात कहने पर दिया। सरकार ने परिसर में हॉस्टल की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने की बात कही।


उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश होते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने निवेदन किया कि अगर कोर्ट निर्देश पारित करता है तो दोनों छात्रों के लिए दाखिला लेना आसान हो जाएगा, क्योंकि ज्यादातर कॉलेजों में प्रक्रिया पूरी हो गई है।

इसके बाद कोर्ट ने बार कांउसिल ऑफ इंडिया को इस संदर्भ में उचित निर्देश देने का आग्रह किया।

अदालत ने यह कहते हुए मामले को खारिज कर दिया कि लापता लड़की का पता लगाने के लिए स्वत: संज्ञान लिया गया था।


पीठ ने कहा, “अब उसका पता चल गया है, हमारा ज्यादा कुछ करने का इरादा नहीं है। राज्य ने भी पढ़ाई जारी रखने के लिए दूसरे कॉलेज में उसका स्थानांतरण करने के लिए उसकी सहायता की पेशकश की है।”

पीठ ने यह भी कहा कि अब वे याचिका के दायरे का विस्तार नहीं करना चाहते।

अदालत ने दोबारा लड़की से मिलने की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि उसे (लड़की को) जो भी कहना है, उसे विशेष जांच टीम (एसआईटी) से कहना चाहिए।

पीठ ने कहा कि लड़की व उसके माता-पिता को अब वापस शाहजहांपुर जाने व अपने फैसले लेने की स्वतंत्रता है। अदालत ने दिल्ली पुलिस को अपनी सुरक्षा के तहत उनके आवास तक ले जाने का निर्देश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को एलएलएम छात्रा द्वारा स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया था।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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