नागरिकता बिल पर JDU के समर्थन से प्रशांत किशोर निराश, कहा- विधेयक पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता

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नागरिकता संशोधन विधेयक सोमवार 9 दिसंबर को लोकसभा में पारित हो गया। केद्र सरकार को कई दलों का विरोध भी झेलना पड़ा। दूसरी ओर केंद्र सरकार और बिहार की सत्ता में साझेदार जदयू ने इस विधेयक के समर्थन में मतदान किया। वहीं जदयू द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) का समर्थन किये जाने पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने सोमवार को निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि विधेयक लोगों से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। देर रात लोकसभा में विधेयक पर मतदान होने के बाद जब वह पारित हो गया तब प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया कि विधेयक पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता।

प्रशांत किशोर ने ट्वीट में लिखा, “जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराश हुआ। यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।”


गौरतलब है कि विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा में जदयू के नेता राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने कहा कि जदयू विधेयक का समर्थन इसलिए कर रही है क्योंकि यह धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है।


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