Constitution Day 2020: जानें क्यों हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है संविधान दिवस, कैसे हुई थी इसकी शुरुआत

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Constitution Day 2020: जानें क्यों हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है संविधान दिवस, कैसे हुई थी इसकी शुरुआत

Constitution Day 2020:  26 नवंबर को देश में हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन संविधान निर्माता डॉं.भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारत के संविधान निर्माता के रूप में जाना जाता है। इन्होंने भारतीय संविधान के रूप में दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधानस तैयार किया था। यह दुनिया के सभी संविधानों को परखने के बाद तैयार किया गया था।

इसे विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान माना जाता है। इसमें 466 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 101 संशोधन शामिल हैं। यह एक हस्तलिखित संविधान है जिसमें 48 आर्टिकल हैं। इसे तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का वक्त लगा था।


सभा की तरफ से 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान इसे अपनाया गया था और 26 नवंबर 1950 को इसे लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। यही वजह है कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इसके लिए 29 अगस्त 1947 को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति की स्थापना की गई थी और इसके अध्यक्ष के तौर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की नियुक्ति हुई थी।

संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ही हस्तलिखित और कॉलीग्राफ्ड थी। किसी भी तरह की टाइपिंग या प्रिंट का इस्तेमाल इसमें नहीं किया गया था। संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को दस्तावेज पर हस्ताक्षप किए। दो दिन बाद इसे लागू कर दिया गया था।


दुनिया में भारत के संविधान की प्रस्तावना को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसे अमेरिका के संविधान से प्रभावित माना गया है। भारत के संविधान की प्रस्तावना यह कहती है कि, संविधान की शक्ति सीधे तौर पर जनता में निहित है। भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है। यह सरकार के मौलिक राजनीतिक सिद्धांतों, प्रक्रियाओं, प्रथाओं, अधिकारों, शक्तियों और कर्त्तव्यों का निर्धारण करता है।

 

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