कोरोना: बिहार ने मांगा डॉक्टरों के लिए 5 लाख किट, मिले मात्र 4 हजार; नीतीश ने PM मोदी से मांगी मदद

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बिहार: मुख्यमंत्री आवास में कोरोना की दस्तक, नीतीश कुमार की भतीजी हुईं पॉजिटिव, पटना AIIMS में भर्ती

कोरोना वायरस महामारी के संकट से निपटने की तैयारियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की। इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से कोरोना से बचाव के लिए भारी संख्या में किट और अन्य उपकरणों की मांग की। नीतीश ने प्रधानमंत्री के साथ चर्चा में इस बात पर उम्मीद जताई की देश सभी चुनौतियों से निपट लेगा और जल्द ही इस महामारी को हरा देगा। नीतीश के इस बयान का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आपके मुंह में घी शक्कर।’

प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बातचीत का मुख्य केंद्र वायरस के संक्रमण से बचने के लिए किट और अन्य उपकरणों पर रहा। सीएम नीतीश कुमार ने सबसे पहले लेबोरेटरी किट को और प्रभावी और असरदार बनाने के लिए केंद्र सरकार से आधिकारिक टेस्टिंग किट और उसके साथ उपयोग में आने वाली सामग्री जैसे बीपी, आरएनए एक्सट्रैक्शन किट को एक साथ शामिल कर एक सेट के रूप में देने की मांग की।


एक रिपोर्ट के अनुसार नीतीश सरकार ने बाद में मीडिया को चर्चा का पूरा ब्योरा दिया। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा, ‘हमने पांच लाख व्यक्तिगत सुरक्षा किट (PPE) की मांग की थी लेकिन हमें केवल 4,000 ही मिले। हमने 10 लाख N95 मास्क मांगे थे लेकिन सिर्फ 10,000 ही मिले। इसके अलावा हमने 10 लाख पीआई मास्क मांगे थे मगर केवल एक लाख ही मुहैया कराए गए। हमें 10,000 RNA किट की जगह 250 ही उपलब्ध हुए हैं।’

नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को बताया कि हमने 100 वेंटिलेटर की मांग की थी जबकि अभी तक एक भी नहीं मिला है। इसके अलावा नीतीश कुमार ने कुछ वित्तीय मांगें भी रखीं जिसमें उन्होंने 2910 की आर्थिक मंदी का हवाला देते हुए फिस्कल डेफिसिट की सीमा 3-4 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की। इससे बिहार को साढ़े छह हज़ार करोड़ से अधिक कर्ज़ लेने में सहूलियत होगी। नीतीश ने कहा कि कोरोना राहत कोष में वर्तमान में विधायक निधि का पचास लाख ट्रांसफर करने की सुविधा दी गई है। यह सुविधा सांसदों को भी देनी चाहिए जिससे वे अपने राज्यों में इस मद के कोष में ट्रांसफर कर सकें।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, केरल, कर्नाटक आदि राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ भी चर्चा की। कांफ्रेंसिंग में उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन भी मौजूद थे। गृह मंत्री मे कहा कि प्रोटिक्टिव गियर मुहैया कराने की कोशिशें जारी हैं। राज्य भी अपने स्तर पर कोशिश कर सकते हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ने राज्यों के फंड मांगने पर कोई जवाब नहीं दिया है।


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