दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्थगित की गई अंडर ग्रेजुएट कोर्सेस की फाइनल ईयर परीक्षाओं के शेड्यूल का पूरा ब्योरा मांगा है। कोर्ट ने डीयू से कहा कि वह 13 जुलाई तक फाइनल ईयर की परीक्षाओं से संबन्धित एक हलफनामा दायर करें जिसमें एग्जाम का पूरा शेड्यूल हो।
इसके साथ ही अदालत ने डीयू से ऑनलाइन व ऑफलाइन या दोनों माध्यमों से परीक्षाएं कराने के प्रस्ताव के बारे में भी जानकारी मुहैया कराने की बात कही। गौरतलब है कि बुधवार को डीयू ने फाइनल ईयर स्टूडेंट्स के लिए 10 जुलाई से होने जा रही ओपन बुक परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।
डीयू (DU) ने परीक्षा के सुचारू रूप से संचालन के लिए 4 जुलाई से 8 जुलाई के बीच मॉक टेस्ट का आयोजन रखा था। लेकिन 4 जुलाई से ही लगातार टेस्ट में छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा। छात्रों ने न केवल केंद्र सरकार से इसके खिलाफ गुहार लगाई बल्कि सोशल मीडिया पर भी जमकर आलोचना की।
जस्टिस हीमा कोहली और सुब्रह्मण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा, ‘हमने परीक्षा प्रक्रिया का पूरी तरह से अध्ययन किया है जो कोरोना महामारी के बुरे दौर में स्टूडेंट्स के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी का पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट सचिन दत्ता के कुछ समय देने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया।
यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया था कि अब उन्हें यूजीसी की नई गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर अपनी नई कार्य योजना तैयार करनी है।कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को 13 जुलाई तक हलफनामा पेश करने के लिए कहा है। इस मामले की सुनवाई 14 जुलाई को होगी। दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा, दाखिला व वर्तमान स्थितियों में आ रही समस्याओं को देखते हुए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
यह समिति इन दिनों आने वाले समय में परीक्षा और एडमिशन सहित अन्य कार्यों का सुचारू रूप से कार्यांवयन कराने में मदद करेगी। इस समिति में डीन कॉलेजेज डा.बलराम पाणि, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो.राजीव गुप्ता, डीन एडमिशन प्रो.शोभा बगई सहित अन्य प्रमुख लोग शामिल हैं।