नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)| दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के बाद स्वास्थ्य आपातकाल (हेल्थ इमरजेंसी) लगाना पड़ा, जिसने अंतर्राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी।
दमघोंटू आबोहवा में सांस ले रहे लोगों के लिए अब कुछ राहत की खबर है, क्योंकि अनुमान लगाया गया है कि शनिवार-रविवार तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में धीमी गति से सुधार हो सकता है। मानसून की आखिरी बारिश में देरी की वजह से तीन हफ्तों तक दिल्ली के आसमान को ढंकने वाली जहरीली धुंध प्रदूषक तत्वों के जमा होने के कारण अब भी बनी हुई है।
सफर इंडिया (सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) के अनुसार, यह प्रभाव अब समाप्त हो रहा है।
दिल्ली में एक्यूआई गंभीर प्लस श्रेणी में है। यहां प्रदूषण उच्चतम ग्रेड 435 तक है। पीएम 2.5 के स्तर पर हालांकि कुछ सुधार देखने को मिला है। यह शुक्रवार को 454 ग्रेड पर पहुंच चुका था।
अमेरिकी दूतावास के आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार को सुबह नौ बजे पीएम 2.5 की संख्या आधी होकर 208 ग्रेड पर दर्ज हुई।
सफर इंडिया के पूवार्नुमान के अनुसार, दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता लगातार गंभीर बनी हुई है। बताया गया कि शनिवार से हालांकि पश्चिमी हवा शुरू हुई है, जिससे प्रदूषण कम होने की उम्मीद है।
सफर इंडिया ने कहा, “एक्यूआई के आज (शनिवार) सुबह ‘गंभीर श्रेणी’ में बने रहने की उम्मीद है, लेकिन शाम तक इसमें कुछ सुधार होते हुए ‘बहुत खराब’ श्रेणी तक पहुंचे की संभावना है।”
एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के शनिवार को उत्तर पश्चिम भारत के पूर्वी क्षेत्रों में आगे बढ़ने की संभावना है। इससे सतही और ऊपरी क्षेत्र में हवा की गति के बढ़ने से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सकारात्मक बदलाव की संभावना है। इससे वायु में मौजूद जहरीले तत्वों के भी कम होने की उम्मीद है।
दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण से निजात पाने में सबसे बड़ी चुनौती पड़ोसी राज्यों द्वारा जलाई जाने वाली पराली (फसल अवशेष) है। राज्यों की सरकारें पराली जलाए जाने की घटनाओं पर लगाम कसने में नाकाम साबित हुई हैं।