दिल्ली को बाढ़ से मिलेगी राहत, हथिनी कुंड में बनेगा नया बांध

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 नई दिल्ली, 17 मार्च (आईएएनएस)| हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज के पास ही एक बड़ा बांध बनाया जा सकता है। इस बैराज से पानी छोड़े जाने पर कई बार हरियाणा के साथ ही दिल्ली में भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

 अधिक मात्रा में जल का संचय करने के लिए हथिनी कुंड के नजदीक एक बड़ा बांध बनाने की तैयारी की जा रही है। नया बांध बनाए जाने को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा, “हथिनी कुंड बैराज में कम मात्रा में पानी रोका जा सकता है। वर्षा ऋतु में नहरों का पानी बंद किया जाता है और यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ने से बाढ़ आने की संभावना रहती है। गांव कलेसर, माधोबांस व बंजारा बांस के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के कई गांवों की जमीन का अधिग्रहण करने की संभावना को तलाश कर एक बड़ा बांध बनाने की संभावना पर सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है। इसके बारे में हिमाचल प्रदेश सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार से भी बातचीत की जाएगी।”


हरियाणा के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को बैराज क्षेत्र का दौरा किया। यमुना नदी का पानी रोकने के लिए यमुनानगर जिले में हथिनी कुंड बैराज से बड़ा बांध बनाने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए उन्होंने सिंचाई अधिकारियों के साथ सिंचाई विभाग के विश्राम गृह में विस्तार से विचार-विमर्श किया।

मुख्यमंत्री ने यहां बनाए जाने वाले संभावित बड़े बांध के चार्ट प्लान को देखा। बाद में उन्होंने सिंचाई विभाग व अन्य अधिकारियों के साथ वन विभाग के विश्राम गृह व कलेसर पंचायत के गांव माधोबांस पहुंचकर यमुना नदी के किनारे खड़े होकर जगह का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री हरियाणा व हिमाचल प्रदेश की सीमा ‘लाल ढांग’ भी गए।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक में मौजूद अधिकारियों से कहा, “पहाड़ों में बारिश अधिक होती है व गर्मी में पहाड़ों पर ग्लेशियर भी पिघलते हैं। वर्षा ऋतु में नदियों में बहुत सा पानी चला जाता है, जिससे बाढ़ की स्थिति बन जाती है। इसलिए यमुना नदी पर हथिनी कुंड बैराज से भी बड़ा बांध बनाने की संभावना तलाशी जाए, ताकि सरकार द्वारा इस संभावित बांध को बनाए जाने की कार्य योजना पर विचार किया जा सके।”


उन्होंने कहा, “यमुना व अन्य नदियों के पानी से दक्षिणी हरियाणा के सारे तलाबों को भरे जाने की संभावना पर भी संबंधित अधिकारी कार्य करें और बारिश एवं नदियों के पूरे पानी का सदुपयोग करें।”

उन्होंने कहा, “दक्षिणी हरियाणा में खेतों में सिंचाई के ट्यूबवेल पर 65-70 हार्स पावर की मोटर लगानी पड़ती है। अगर नहरों के पानी से सिंचाई होगी तो इन मोटरों की कोई जरूरत नही होगी और किसान नहर के पानी से अपने खेतों की सिंचाई कर सकेंगे। इससे भू-जल स्तर में भी सुधार होगा।”

इस अवसर पर शिक्षा व वन मंत्री कवंरपाल, यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, नगर निगम के मेयर मदन चौहान, पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज आदि मौजूद रहे।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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