नई दिल्ली, 18 मार्च (आईएएनएस)| ईरान से 205 भारतीय नागरिक बुधवार को स्वदेश पहुंचे। अब तक ईरान से 591 भारतीयों को निकाला जा चुका है। महान एयर की एक फ्लाइट बुधवार सुबह भारतीय यात्रियों को लेकर पहुंची, जिसमें ज्यादातर लद्दाख के शिया तीर्थयात्री हैं।
ईरान में कोरोनावायरस महामारी के कारण 988 लोगों की मौत हो चुकी है।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जो लोग वापस लौटे हैं, उसमें 115 पुरुष हैं, 85 महिलाएं हैं, 4 बच्चे हैं और एक नवजात है। उसमें से कुछ अप्रवासी भारतीय भी हैं।
सूत्रों ने कहा है कि सभी यात्रियों को जैसलमेर में भारतीय सेना के संगरोध केन्द्र में भेज दिया गया है।
ईरान में 250 भारतीय तीर्थयात्रियों समेत 16 हजार लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। भारत ने स्वास्थ्य पेशेवरों की एक टीम उनके इलाज के लिए भेजी है।
ईरान के विभिन्न प्रांतों में 6000 भारतीय नागरिक हैं। जिसमें से 1,100 तीर्थयात्री प्रमुख रूप से केन्द्रशासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र राज्य के हैं। इसके अलावा करीब 300 छात्र जम्मू-कश्मीर के हैं।
करीब 1000 मछुआरे केरल, तमिलनाडु और गुजरात के हैं। इसके अलावा बाकी लोग ईरान में अपनी रोजी-रोटी कमाने और धार्मिक अध्ययन करने गए हैं।
चीन के वुहान में उत्पन्न हुए कोरोनावायरस के प्रकोप से शिया बहुल देश ईरान खासा प्रभावित हुआ है। शुरुआत में हुई लापरवाहियां इस देश के लिए भारी पड़ गईं। इस बीमारी के शुरुआती मरीज शिया तीर्थ क्षेत्र कोम में मिले। यह स्थल तेहरान से 100 किलोमीटर दूर है।
चीनी छात्र, तीर्थयात्री और व्यापारी नियमित तौर पर कोम में आते रहते हैं। जबकि जनवरी में चीन में लॉकडाउन हो गया था, उसके बाद भी दोनों देशों के बीच यात्राएं जारी रहीं। हालांकि, अब सोमवार से अधिकारियों ने कोम और मशहद में मस्जिदों को बंद कर दिया है।