पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अमरोहा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एक बार फिर से नया सांसद चुनने को तैयार है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से कंवर सिंह तंवर ने सपा की हुमेरा अख्तर को हराया था। तब बसपा तीसरे नंबर पर और रालोद चौथे नंबर पर रही थी। अमरोहा सीट से इस बार चुनावी मैदान में 15 कैंडिडेट हैं। लेकिन बीजेपी के मौजूदा सांसद कंवर सिंह तंवर, बीएसपी के दानिश अली, कांग्रेस के युवा चेहरे सचिन चौधरी के बीच मुकाबला है। इनमें दानिश मुस्लिम, कंवर सिंह तंवर गुर्जर और सचिन चौधरी जाट समाज से हैं।
अमरोहा लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होना है।
अमरोहा शब्द संस्कृत शब्द आम्र शब्द से उत्पन्न माना जाता है। आम्र यानी आम। अपने नाम को चरितार्थ करते हुए यह शहर आम के कारोबार के लिए प्रसिद्ध है। अमरोहवी आमों की खास पहचान है। ऐतिहासिक तथ्यों की बात करें तो अमरोहा पर सन 676 ई. से सन 1141 ई. तक भारद्वाज तागास ने शासन किया था। गयासुद्दीन बलबन ने इस क्षेत्र में विद्रोह का ऐसा क्रूर दमन किया था, जिसकी वजह से बदौन और अमरोहा सालों तक सन्नाटे में रहे। यहाँ दिल्ली सल्त्नत और मुग़ल काल में बनवाए गए कई ऐतिहासिक स्मारक हैं। बाबा फरीद के वंशज आज भी इस क्षेत्र में बसे हैं।
अमरोहा पहले मुरादाबाद का एक हिस्सा था। गंगा और कृष्णा यहां की प्रमुख नदियां हैं। यह बिजनौर जिले के उत्तर, मुरादाबाद जिले के पूर्व और मेरठ जिले, गाजियाबाद जिले और बुलंदशहर जिले के पश्चिम से घिरा हुआ है। अमरोहा में कृषि उत्पादों की मंडी होने के साथ-साथ वस्त्र, मिट्टी के बर्तन उद्योग और चीनी की मिलें हैं। अमरोहा में महात्मा ज्योतिबा फुले विश्वविद्यालय बरेली से संबद्ध महाविद्यालयों के अलावा मुस्लिम पीर शेख़ सद्दू की दरगाह भी है। दिल्ली से अमरोहा की दूरी 184.5 किलोमीटर है।
अमरोहा लोकसभा सीट का इतिहास
1952 से लेकर 1971 तक इस सीट पर शुरुआती तीन बार कांग्रेस और फिर लगातार दो बार सीपीआई ने जीत दर्ज की थी। 1977, 1980 में जनता पार्टी, 1984 में कांग्रेस और 1989 में एक बार फिर जनता दल ने यहां जीत दर्ज की। 1991, 1998 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान सांसद चुने गए।
इस लोकसभा क्षेत्र की विधानसभा सीटों में वर्चस्व रखने वाली समाजवादी पार्टी सिर्फ 1996 में यहां से चुनाव जीत पाई है। 1999 में बहुजन समाज पार्टी के राशिद अल्वी ने चुनाव जीता, 2004 में ये सीट निर्दलीय और 2009 में रालोद के खाते में गई।
2014 लोकसभा चुनाव के नतीजे
महंगी गाड़ियों का शौक रखने वाले, देश के सबसे अमीर सांसदों में से एक कंवर सिंह तंवर ने 2014 में समाजवादी पार्टी के हुमैरा अख्तर को करीब 1 लाख वोटों से मात दी। तीसरे नंबर पर रही बहुजन समाज पार्टी को भी यहां करीब पंद्रह फीसदी वोट मिला। विश्लेषकों के अनुसार, मुस्लिम बहुल इस क्षेत्र में मुस्लिम वोटर सपा-बसपा में बंट गया और भारतीय जनता पार्टी जाट, दलित समेत अन्य जातियों को साधने में सफल रही थी।
अमरोहा संसदीय सीट का समीकरण
अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा सीटें आती हैं- धनौरा, नौगावां सादत, अमरोहा, हसनपुर और गढ़मुक्तेश्वर। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से सिर्फ अमरोहा सीट ही समाजवादी पार्टी के खाते में गई थी, जबकि अन्य सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा था। अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में करीब 16 लाख वोटर हैं, इनमें से 829446 वोटर पुरुष और 714796 महिला वोटर हैं। 2014 में यहां करीब 71 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि 7779 वोट NOTA को गए थे। इस सीट पर दलित, सैनी और जाट वोटर अधिक मात्रा में हैं, जबकि मुस्लिम वोटरों की संख्या भी 20 फीसदी से ऊपर है।
अमरोहा लोकसभा सीट पर इस बार गठबंधन और बीजेपी में सीधा मुकाबला दिख रहा है। यहां प्रत्याशी जातीय समीकरण के बल पर फतह की उम्मीद लगाए हुए हैं। बीएसपी अपनी मजबूती गठबंधन के मुस्लिम, दलित, जाट और दूसरे पिछड़े वर्ग के बल पर कामयाबी देख रही है। साथ ही उसकी कमजोरी जाटों में बिखराव की आशंका और दानिश पर दलबदलू और बाहरी कैंडिडेट होने की है। कांग्रेस से जाट कैंडिडेट होने के चलते आरएलडी के नाम पर जाट का बड़ा मतदान बीएसपी को अपने हक में कराने की चुनौती होगी।
वहीं, बीजेपी की मजबूती मोदी का नाम और काम, सवर्ण, पिछड़े और गुर्जर समाज समेत हर वर्ग का साथ है, लेकिन कंवर सिंह तंवर का सांसद के कार्यकाल में उदासीन रहना, जनता से दूरी की नाराजगी, गुर्जरों को बीजेपी में सम्मान न मिलना, दलित मुस्लिम ध्रुवीकरण उनकी कमजोरी साबित हो सकता है।
निवर्तमान सांसद : कंवर सिंह तंवर
2014 का लोकसभा चुनाव
कंवर सिंह तंवर, बीजेपी – 5,28,880
हुमैरा अख्तर, समाजवादी पार्टी – 3,70,666
फ़रहत हसन, बहुजन समाज पार्टी – 1,62,983
2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्मीदवार
- कंवर सिंह तंवर, बीजेपी
- दानिश अली, बीएसपी
- सचिन चौधरी, कांग्रेस
दूसरे चरण के चुनाव लिए महत्वपूर्ण तिथियां
अधिसूचना जारी | 19 मार्च |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 26 मार्च |
नामांकन पत्र की जांच | 27 मार्च |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 29 मार्च |
मतदान की तारीख | 18 अप्रैल |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
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