उत्तरा प्रदेश का बदायूं लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एकबार फिर से नया सांसद चुनने को तैयार है। 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव ने भाजपा प्रत्याशी वागीश पाठक को पराजित किया। बसपा उम्मीदवार अकमल खान तीसरे नंबर पर आए। इस बार समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन के बाद भी भारतीय जनता पार्टी की राह और मुश्किल होती दिख रही है। समाजवादी पार्टी ने फिर से धर्मेंद्र यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं, बीजेपी ने इस बार इस सीट से प्रदेश सरकार के मंत्री और कभी बीएसपी के कद्दावर नेता रहे स्वामी प्रसाद मौर्या की बेटी संघमित्रा मौर्या को मैदान में उतारा है।
बदायूं लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होने हैं।
गंगा और रामगंगा नदी के बीच बसा बदायूं संसदीय क्षेत्र छोटे सरकार और बड़े सरकार की प्रसिद्ध दरगाह की वजह से पूरी दुनिया में जाना जाता है। यह क्षेत्र सपा का गढ़ माना जाता है। कारण वर्ष 1998 से लेकर आज तक इस सीट पर सपा का ही कब्जा है। अब तक यादव-मुस्लिम गठजोड़ की सियासत कारगर साबित होती रही है। सपा से लगातार चार बार सलीम इकबाल शेरवानी चुनाव जीते, जबकि पिछला दो चुनाव सपा के ही धर्मेंद्र यादव जीत चुके हैं। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का यहां के लोगों से व्यक्तिगत जुड़ाव रहा है। गंगा और रामगंगा की कटरी डाकुओं की शरणस्थली रही है, लेकिन अब डाकुओं का सफाया हो चुका है।
बदायूं लोकसभा सीट का इतिहास
बीते करीब दो दशक में समाजवादी पार्टी का गढ़ बन चुकी बदायूं लोकसभा सीट पर शुरुआती दौर में कांग्रेस का मिला जुला असर था। शुरुआती दो चुनाव में यहां कांग्रेस के उम्मीदवार जीते, लेकिन 1962 और 1967 में यहां भारतीय जनसंघ ने चुनाव बड़े अंतर से जीता। अगर 1977 चुनाव को छोड़ दें तो कांग्रेस ने 1971, 1980 और 1984 का चुनाव इस सीट से जीता।
लेकिन इसके बाद कांग्रेस इस सीट पर कभी कांग्रेस वापसी नहीं कर पाई।1989 का चुनाव जनता दल के खाते में गया और 1991 में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर कब्जा जमाया। 1996 में समाजवादी पार्टी के सलीम इकबाल ने यहां पर चुनाव जीता, जिसके बाद यहां सपा का एक छत्र राज शुरू हुआ। सलीम इकबाल ने लगातार चार बार यहां से चुनावी परचम लहराया।
2009 में इस सीट पर यादव परिवार की एंट्री हुई और मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव ने जीत दर्ज की। पिछले चुनाव में भी उन्होंने आसानी से बीजेपी के प्रत्याशी को मात दी।
बदायूं लोकसभा सीट का समीकरण
बदायूं लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं – गुन्नौर, बिसौली, सहसवान, बिल्सी और बदायूं। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इसमें से सिर्फ सहसवान सीट पर ही समाजवादी पार्टी जीत पाई थी, जबकि बाकी सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मारी थी। बदायूं लोकसभा सीट में यादव और मुस्लिम मतदाताओं का वर्चस्व है। यहां दोनों ही मतदाता करीब 15-15 फीसदी हैं। 2014 के आंकड़ों के अनुसार यहां करीब 18 लाख मतदाता हैं, इसमें 9.7 लाख पुरुष और 7.9 लाख महिला मतदाता हैं।
2014 का लोकसभा चुनाव
पिछले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने यहां एक तरफा जीत हासिल की, उन्हें करीब 48 फीसदी वोट मिले थे। 2014 में मोदी लहर के भरोसे चुनाव में उतरी बीजेपी का जादू यहां नहीं चला और उनके उम्मीदवार को सिर्फ 32 फीसदी ही वोट मिले थे। 2014 के चुनाव में इस सीट पर कुल 58 फीसदी मतदान हुआ था, जिसमें से करीब 6200 वोट NOTA में गए थे।
निवर्तमान सांसद: धर्मेन्द्र यादव
लोकसभा चुनाव 2014
धर्मेन्द्र यादव, सपा – 4,98,378
वगीश पाठक, भाजपा – 3,32,031
अकमल खान उर्फ चमन, बसपा – 1,56,973
2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्मीदवार
- धर्मेन्द्र यादव, समाजवादी पार्टी (गठबंधन)
- संघमित्रा मौर्या, भाजपा
तीसरे चरण के चुनाव लिए महत्वपूर्ण तिथियां
अधिसूचना जारी | 28 मार्च |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 4 अप्रैल |
नामांकन पत्र की जांच | 5 अप्रैल |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 8 अप्रैल |
मतदान की तारीख | 23 अप्रैल |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
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