23 अप्रैल 2019 को 17वीं लोकसभा के लिए तीसरे दौर का मतदान हुआ। देश के 15 राज्यों की 117 सीटों पर वोटिंग हुई। छिट-पुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्वक रहा लेकिन इस दौरान ईवीएम पर सवाल भी खड़े हुए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पूरे भारत में ईवीएम या तो गड़बड़ हैं या फिर भाजपा के पक्ष में वोट डाल रही हैं। इस कड़ी में असम के पूर्व डीजीपी हरेकृष्णा डेका ने भी ईवीएम पर सवाल खड़े किये हैं। उनका दावा है कि उन्होंने वोट किसी और प्रत्याशी को दिया था, लेकिन वीवीपैट से पर्ची दूसरे प्रत्याशी के नाम की निकली।
क्या है पूरा मामला?
मंगलवार 23 अप्रैल को असम की 4 सीटों पर वोट डाले गए।असम के पूर्व डीजीपी हरेकृष्णा डेका ने लचित नगर एलपी स्कूल के पोलिंग बूथ में वोट डाला। लेकिन उनका दावा है कि जब उन्होंने वोट डाला तो वीपीपैट पर किसी दूसरे प्रत्याशी का नाम दिखाई दिया। पूर्व डीजीपी का कहना है कि वह इस मामले की शिकायत करना चाहते थे, लेकिन उन्हें बताया गया कि अगर कंप्लेंट गलत पाई गई तो उन्हें सजा मिलेगी।
Ex-Assam DGP Harekrishna Deka: My polling booth was Lachit Nagar LP School. When I voted,VVPAT displayed someone else’s name.I was told I can challenge it but if complaint is found to be false I’ll be punished.I don’t want to take risk. How do I know how will it be proven? (23.4) pic.twitter.com/gIifM4DMA2
— ANI (@ANI) April 23, 2019
सवालों के घेरे में ईवीएम
आपके बता दें कि ईवीएम को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। विपक्ष जहां बार-बार ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाता रहा है। वहीं चुनाव आयोग ने इससे इनकार करता रहा है।
इन शिकायतों से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने EVM के साथ VVPAT मशीन को जोड़ने का फैसला किया, जिससे वोटर्स को पता चल सके कि उन्होंने जिसे वोट दिया है, वह उसे मिला है या नहीं।