लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को देश भर की अलग-अलग सीटों पर चुनाव हुए। इसी के साथ उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों पर भी मतदान सम्पन्न हुआ। मेरठ भी इन्हीं 8 सीटों में से है जहां सांसद चुनने के लिए वोट डाले गए।
उत्तर प्रदेश के प्रथम चरण के चुनाव के दौरान 63.69 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। मेरठ संसदीय क्षेत्र में 63.00 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं 2014 में मतदान प्रतिशत 63.15 था।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का केंद्र मेरठ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एक बार फिर से नया सांसद चुनने के लिए तैयार है। 2014 के लोकसभा चुनाव में मेरठ सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राजेंद्र अग्रवाल ने स्थानीय नेता मोहम्मद शाहिद अखलाक को दो लाख से अधिक वोटों से मात दी थी। बॉलीवुड अभिनेत्री नगमा कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ी थीं, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
इस बार भाजपा ने सांसद राजेंद्र अग्रवाल पर फिर भरोसा जताया है। बसपा-सपा और रालोद गठबंधन के बीच सीट बंटवारे में यह बसपा के खाते में गई। गठबंधन ने यहां से हाजी याकूब कुरैशी को टिकट दिया। जबकि, कांग्रेस ने हरेंद्र अग्रवाल को मैदान में उतारा। गठबंधन में रालोद के शामिल होने से इस सीट पर भाजपा और गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है।
दिल्ली से 113 किलोमीटर दूरी पर स्थित मेरठ, उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में एक है। 1857 में स्वाधीनता संग्राम की नींव रखने वाला शहर मेरठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का केंद्र माना जाता है। यहां भारतीय सेना की बड़ी छावनी भी है। मेरठ का सर्राफा बाजार देश के बड़े बाजारों में गिना जाता है। शहर में कुल चार विश्वविद्यालय हैं- चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, शोभित विश्वविद्यालय एवं स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय। पांडव किला, शहीद स्मारक, हस्तिनापुर तीर्थ, जैन श्वेतांबर मंदिर, रोमन कैथोलिक चर्च, सेन्ट जॉन चर्च, नंगली तीर्थ, सूरज कुंड, हस्तिनापुर सेंचुरी यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। लखनऊ से इस शहर की दूरी 587.2 किलोमीटर है।
मेरठ में पहले चरण के अंतर्गत 11 अप्रैल को मतदान हुए। यहां मतदान का प्रतिशत 63.00 रहा।
मेरठ लोकसभा के साथ हापुड़ का कुछ क्षेत्र भी जुड़ता है। कुल मिलाकर यहां 5 विधानसभा क्षेत्र हैं – किठौर, मेरठ कैंट, मेरठ शहर, मेरठ दक्षिण और हापुड़। 2017 के लोकसभा चुनाव में इनमें मेरठ शहर समाजवादी पार्टी तथा अन्य विधानसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थीं। मेरठ लोकसभा सीट का इतिहास रोचक रहा है। यहां अभी तक सबसे अधिक सात बार चुनाव जीतने का रिकार्ड कांग्रेस के नाम है। लेकिन, जब से इस सीट का परिसीमन हुआ, तब से यहां चुनावी समीकरण बदल गए। दो बार से इस सीट पर बीजेपी लगातार जीत दर्ज कर रही है। वर्ष 1989 में कांग्रेस के हाथ से यह सीट फिसली तो दोबारा उसके पास नहीं आई।
बीजेपी अब तक इस सीट पर पांच बार जीत हासिल कर चुकी है। पिछले दो दशकों से ये सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ मानी जाती रही है। 2014 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत यहां से ही की थी। मेरठ की रैली में जुटी 20 लाख से अधिक की भीड़ से पूरे प्रदेश में बड़ा संदेश गया था। बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल यहां से लगातार दो बार सांसद चुने जा चुके हैं।
हालाँकि, 2017 में मेरठ शहर की विधानसभा सीट और इसी साल मेरठ शहर के महापौर की सीट बीजेपी ने खो दी थी। हालात लगभग वैसे ही हैं, वर्तमान सांसद राजेंद्र अग्रवाल के प्रति लोगों ने समय समय पर जगह जगह बैनर लगाकर विरोध जताया था। यह मानते हुए कि इनका टिकट कट रहा है रिकार्ड 23 और लोगों ने भी टिकट की दावेदारी की थी। अंत में राजेंद्र अग्रवाल पार्टी टिकट की लड़ाई जीत गए।
एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन के बीएसपी प्रभारी याकूब कुरैशी को उम्मीदवार बनाए जाने से मेरठ में हिंदू मतों का ध्रुवीकरण तय माना जा रहा है। साल 2011 के आंकड़ों के अनुसार मेरठ की आबादी करीब 35 लाख है। इनमें 65 फीसदी हिंदू हैं। याकूब की छवि विवादित और कट्टरवादी मानी जाती है। मोहम्मद साहब का विवादित कार्टून बनाने पर डेनिस पत्रकार का सिर लाने वाले को पांच करोड़ के ईनाम देने की घोषणा करने पर याकूब कुरैशी को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। समाजवादी पार्टी ने अपने नेता शाहिद मंजूर को बीएसपी प्रत्याशी को जिताने का जिम्मा सौंपा है। खुद शाहिद मंजूर बीएसपी नेता याकूब को उम्मीदवार बनाने का विरोध कर चुके हैं और बिना नाम लिए उन्हें कट्टरवादी करार दे चुके हैं।
वहीं, कांग्रेस के हरेन्द्र अग्रवाल साफ सुथरी छवि के उम्मीदवार हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बाबू बनारसी दास के पुत्र हरेन्द्र अग्रवाल अपने निजी संबंध रखने के साथ ही गंभीर छवि भी रखते हैं। अन्य कांग्रेस प्रत्याशियों के मुकाबले वो चुनाव जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे।
निवर्तमान सांसद: राजेंद्र अग्रवाल, बीजेपी
2014 चुनाव में मेरठ लोकसभा सीट के नतीजे
राजेंद्र अग्रवाल, भारतीय जनता पार्टी – 5,32,981
मोहम्मद शाहिद अखलाक, बहुजन समाज पार्टी – 3,00,655
शाहिद मंजूर, समाजवादी पार्टी- 2,11,759
नगमा, कांग्रेस – 42,911
कुल मतदाता | 1872143 |
महिला- | 850129 |
पुरुष- | 1021484 |
अन्य – | 106 |
2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रमुख उम्मीदवार
- राजेंद्र अग्रवाल, बीजेपी
- हाजी याकूब कुरैशी, बसपा
- हरेंद्र अग्रवाल, कांग्रेस
पहले चरण के चुनाव लिए महत्वपूर्ण तिथियां
अधिसूचना जारी | 18 मार्च |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 25 मार्च |
नामांकन पत्र की जांच | 26 मार्च |
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि | 28 मार्च |
मतदान की तारीख | 11 अप्रैल |
मतगणना की तारीख | 23 मई |
अब तक मेरठ से चुने गए सांसद
वर्ष | सांसद | दल |
1952 | शाहनवाज खान | कांग्रेस |
1957 | शाहनवाज खान | कांग्रेस |
1962 | शाहनवाज खान | कांग्रेस |
1967 | महाराज सिंह भारती | संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी |
1971 | शाहनवाज खान | कांग्रेस |
1977 | कैलाश प्रकाश | जनता पार्टी |
1980 | मोहसिना किदवई | कांग्रेस |
1984 | मोहसिना किदवई | कांग्रेस |
1989 | हरीश पाल | जनता दल |
1991 | अमरपाल सिंह | भाजपा |
1996 | अमरपाल सिंह | भाजपा |
1998 | अमरपाल सिंह | भाजपा |
1999 | अवतार सिंह भड़ाना | कांग्रेस |
2004 | हाजी शाहिद अखलाक | बहुजन समाज पार्टी |
2009 | राजेंद्र अग्रवाल | भाजपा |
2014 | राजेन्द्र अग्रवाल | भाजपा |
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लोकसभा चुनाव 2019: पहले चरण के लिए 11 अप्रैल को इन सीटों पर होगी वोटिंग, देखें राज्यवार सूची