एमनेस्टी ने मुख्यालय पर ‘छापे’ को सिविल सोसायटी पर हमला बताया

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बेंगलुरू, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)| एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की ओर से उसके मुख्यालय पर छापेमारी की कार्रवाई को देश में सिविल सोसायटी पर हमला बताया और कहा कि नई दिल्ली अधिकार समूहों के साथ ‘आपराधिक प्रतिष्ठान’ जैसा व्यवहार कर रही है। एमनेस्टी इंडिया के निदेशक आकार पटेल ने वेबसाइट पर अपने बयान में कहा, “एमनेस्टी इंडिया देश में सिविल सोसायटी पर सरकार के हमले का हालिया शिकार है।”

मानवाधिकार संस्थानों के साथ आपराधिक प्रतिष्ठानों जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए, पटेल ने कहा कि ईडी ने इस महीने की शुरुआत में ही एमनेस्टी के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया है।


पटेल ने कहा, “ग्रीनपीस इंडिया के खातों को इस माह की शुरुआत में हमारे काम को रोकने के लिए फ्रीज कर दिया गया था।”

पटेल ने हालांकि खाते बंद करने की तिथि नहीं बताई और यह नहीं बताया कि इसके पीछे कारण क्या हैं।

ईडी ने शहर के एफडीआई दिशानिर्देशों के कथित उल्लंघन के संबंध में पूर्वी उपनगर में एमनेस्टी के मुख्यालय पर छापे मारे।


ईडी ने गुरुवार रात एक बयान में कहा, “एमनेस्टी ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश(एफडीआई) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर विदेशों से 36 करोड़ रुपये विदेशी फंड प्राप्त किए।”

एमनेस्टी ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि ईडी के अधिकारियों का एक समूह अपराह्न् 1.30 बजे हमारे परिसर में प्रवेश किया और फिर दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया।

पटेल ने कहा, “उन्होंने कर्मचारियों को कार्यालय में बने रहने, लैपटॉप बंद करने और मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी।”

पटेल ने कहा कि एमनेस्टी देश में कानून का शासन और इसके संचालन के लिए प्रतिबद्ध है। पटेल ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही हमारे कार्य के केंद्र में है।

पटेल ने कहा, “छापे के दौरान मांगे गए अधिकतर दस्तावेज सार्वजनिक हैं और संबंधित अधिकारियों के समक्ष दर्ज किए गए।”

उन्होंने कहा कि ईडी ने हमसे हमारे दो प्रतिष्ठान एमनेस्टी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड(एआईआईपीए) और एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया फाउंडेशन(एआईआईएफ) के संबंध के बारे में पूछा। पटेल ने कहा कि संगठन की संरचना के बारे में 2014 से जानकरी हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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