Bihar Assembly Election 2020: बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे (Gupteshwar Pandey) आज शाम जनता दल यूनाइडेड (JDU) में शामिल हो गए। गुप्तेश्वर पांडे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर पार्टी में शामिल हुए। पांडे शनिवार को भी जेडीयू दफ्तर गए थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी लेकिन पार्टी में शामिल नहीं हो सके थे।
पांडे ने चुनावी पारी खेलने के लिए ही पिछले दिनो डीजीपी पद से इस्तीफा देते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृति (वीआरएस) ली थी। माना जा रहा है कि गुप्तेश्वर पांडे अपने गृह जिले बक्सर से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि अभी तक इस बारे में किसी तरह की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
पिछले महीने पांडेय तब सुर्खियों में थे, जब उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) राजपूत मौत के केस में रिया चक्रवर्ती पर औकात से जुड़ी टिप्पणी की थी। गुप्तेशवर पहले पूर्व डीजी (महानिदेशक) नहीं है जो रिटायरमेंट के बाद सियासी पारी खेलने जा रहे हैं।
आपको बता दें कि साल 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) इससे पहले भी चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे चुके हैं। साल 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने वीआरएस का आवेदन दिया था लेकिन सरकार ने उनके आवेदन को तब नामंजूर कर दिया था।
सोशल मीडिया पर “मेरी कहानी मेरी जुबानी” शीर्षक के तहत लोगों के साथ संवाद करते हुए पू्र्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा था कि अगर मौका मिला और इस योग्य समझा गया कि मुझे राजनीति में आना चाहिए तो मैं आ सकता हूं लेकिन वे लोग निर्णय करेंगे जो हमारी मिट्टी के हैं, बिहार की जनता हैं और उसमें पहला हक तो बक्सर के लोगों का है जहां मैं पला-बढ़ा हूं।
उन्होंने तब ये भी कहा कि राजनीति में आने का अब मेरा मन हो गया है। अब स्थिति ऐसी बन गई है कि मुझे लगता है कि अब इसमें आ जाना चाहिए। पूर्व डीजीपी ने आगे कहा कि राजनीति में मेरे आने से किसी को परेशानी क्यों हो रही है और इसे सुशांत सिंह राजपूत के मामले से लोग क्यों जोड़ रहे हैं।
गुप्तेश्वर ने 34 वर्षों की अपनी पुलिस सेवा को बेदाग बताते हुए कहा कि हर कोई पूछ रहा था कि क्या मैं चुनाव लड़ूंगा। हालांकि मैं अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं हुआ हूं… मैं सिर्फ यह पूछना चाहता हूं कि क्या चुनाव लड़ना पाप है? क्या मैं वीआरएस लेने के बाद चुनाव लड़ने वाला पहला व्यक्ति हूं? क्या ऐसा करना गैरकानूनी या अनैतिक है?