नई दिल्ली: अंग्रेजी न्यूज चैनल NDTV की पूर्व पत्रकार निधि राजदान (Nidhi Razdan) ने सोशल मीडिया पर खुलासा किया है कि वह बहुत बड़ी जालसाजी का शिकार हुईं हैं। पिछले साल जून में निधि राजदान ने घोषणा की थी कि वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर जॉइन करेंगी, इसलिए 21 साल बिताने के बाद NDTV को छोड़ रही हैं। हालांकि शुक्रवार को उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि उन्हें जर्नलिज्म फैकल्टी के तौर पर जॉइन करने के लिए यूनिवर्सिटी से अब तक कोई ऑफर नहीं मिला है।
वह फिशिंग की शिकार हुई हैं। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की है और ईमेल के जरिए हुए कम्युनिकेशन की डीटेल्स पुलिस के साथ-साथ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रशासन को जांच के लिए सौंपी है।
ट्वीट में निधि ने लिखा है, ‘ जनू 2020 में मैंने यह कहते हुए 21 सालों की एनडीटीवी की नौकरी छोड़ी कि मैं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में जॉइन करने जा रही हूं। मुझे बताया गया था कि मैं सितंबर 2020 में यूनिवर्सिटी जॉइन करूंगी। मैं अपने नए असाइनमेंट की तैयारी कर रही थी इसी दौरान मुझे बताया गया कि महामारी की वजह से मेरी क्लासेस जनवरी 2021 में शुरू होंगी।
I have been the victim of a very serious phishing attack. I’m putting this statement out to set the record straight about what I’ve been through. I will not be addressing this issue any further on social media. pic.twitter.com/bttnnlLjuh
— Nidhi Razdan (@Nidhi) January 15, 2021
निधि ने पोस्ट में आगे लिखा है, ‘लगातार हो रहे देर के बीच मेरे नोटिस में कई सारी प्रक्रियागत विसंगतियां आईं। शुरू में तो मैंने यह सोचकर इन बातों पर ध्यान नहीं दिया कि महामारी में ये सब न्यू नॉर्मल हैं पर हाल ही में जो कुछ हुआ वो ज्यादा परेशान करने वाला था। इसके बाद मैंने सीधे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने के लिए संपर्क साधा और उनके आग्रह पर मैंने उनसे वे सारे कम्युनिकेशन्स शेयर किए जो तथाकथित रूप से यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए थे।”
NDTV की पूर्व एंकर ने लिखा है, ‘यूनिवर्सिटी का पक्ष जानने के बाद मुझे पता चला कि मैं एक काफी सफिस्टकेटिड फिशिंग की शिकार हुई हूं और दरअसल मेरे पास हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से उनके जर्नलिज़्म डिपार्टमेंट की फैकल्टी बनने का कोई ऑफर आया ही नहीं था। मैंने पुलिस से इस संबंध में शिकायत की है और सभी संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करवा दिए हैं। मैंने पुलिस से आग्रह किया है कि यह फ्रॉड करने वालों की जल्द से जल्द पहचान की जाए। इसके साथ ही मैंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से भी अपील की है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें।’
वहीँ अमेरिका के पत्रकार Joshua Benton ने इसे शर्मनाक बताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, वाह – यह शर्मनाक है।मैं आपको जानकारी के लिए बता दूँ की हार्वर्ड में न तो पत्रकारिता का कोई स्कूल है, न ही पत्रकारिता का कोई विभाग है और न ही पत्रकारिता के प्रोफेसर हैं। (इसमें @niemanfdn है लेकिन हमारे पास कोई संकाय नहीं है और न ही कोई कक्षा है। और इसमें @ShorensteinCtr नहीं है, लेकिन पत्रकारिता की कोई specific faculty नहीं है।)
Wow — this is awful.
For the record, @Harvard has no school of journalism, no department of journalism, and no professors of journalism.
(It does have @niemanfdn! But we have no faculty and no classes. And it does have @ShorensteinCtr, but no journalism-specific faculty.) https://t.co/AiMYkcrB6Q
— Joshua Benton (@jbenton) January 15, 2021