Happy Birthday Gulzar: गुलजार एक ऐसा नाम है जो किसी पहचान का मोतहाज नहीं। उनकी कलम की जादूगरी का यकीनन कोई दूसरा सानी नहीं है। उन्होंने अपनी कलम के दम पर अपने लिए एक बड़ा मुकाम बनाया। मशहूर गीतकार, अफसाना निगार (शायर), पटकथा लेखक, फिल्म निर्देशक और नाटककार गुलजार 18 अगस्त को अपना 86वां जन्मदिन मना रहे हैं।
उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचने तक गुलजार की कलम कई ऐसे अफसाने लिख चुकी है जिन्हें पढ़कर शायद आप एक अलग ही दुनिया में खो जाते हैं। अपने कमाल के हुनर से लोगों का दिल जीतने वाले इस शख्स ने मेकैनिक संपूर्ण सिंह कालरा से सिने जगत के गुलजार बनने का सफर बड़े संघर्षों से पूरा किया।
गुलजार नाम सुनते ही दिल में एक अलग किरदार की छवि बन जाती है। बॉलीवुड में अगर गुलजार न हों तो एक खालीपन सा लगेगा, उनकी मौजूदगी ही फिल्म इंडस्ट्री में चार चांद लगाए हुए है। आज यानि शनिवार को गुलजार का जन्मदिन है। गुलजार का जन्म 18 अगस्त 1934 को पंजाब के झेलम जिले में दीना गांव में हुआ था।
अब यह गांव पाकिस्तान में है। गुलजार एक सिख परिवार में जन्मे थे। उनके बचपन का नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा था। बचपन में ही मां के गुजर जाने की वजह से उन्हें पिता का बहुत दुलार नहीं मिला। बंटवारे के बाद उनका परिवार अमृतसर आकर बस गया और गुलजार मुंबई चले आए। पैसे की तंगहाली की वजह से उन्होंने वर्ली के एक गैराज में मैकेनिक का काम करना शुरू कर दिया।
गुजलार को लिखने का शौक था इसलिए वह खाली समय में कविताएं लिखा करते थे। एक निर्देशक के तौर पर गुलजार ने अपना करियर 1971 में ‘मेरे अपने’ से शुरू किया था। उन्होंने आशीर्वाद, आनन्द, खामोशी जैसी फिल्मों के लिए डायलॉग और स्क्रिप्ट लिखी थी। गुलजार ने संजीव कुमार के साथ मिलकर आंधी, मौसम, अंगूर और नमकीन जैसी फिल्में भी निर्देशित कीं।
प्यार और तकरार से भरा रहा जीवन
गुलजार को मशहूर अदाकारा राखी से मोहब्बत हो गई थी। राखी पहले से शादीशुदा थीं। लेकिन उनकी यह शादी लंबे समय तक नहीं चली और ये रिश्ता टूट गया। गुलजार की राखी से पहली मुलाकात बॉलीवुड की एक पार्टी में हुई और वह उन्हें पहली नज़र में दिल दे बैठे। आखिरकार दोनों ने 15 मई 1973 को शादी कर अपने नए जीवन की शुरूआत की।
शादी के लिए गुलजार ने राखी के सामने एक शर्त रखी थी कि वह अब फिल्मों में काम नहीं करेंगी, लेकिन राखी इस शर्त को न मान सकीं। उस वक्त गुलजार के पास बहुत काम था लेकिन राखी खाली बैठी हुई थीं। इसी बात को लेकर दोनों में झगड़े होने लगे। राखी जब फिल्मों में काम करने की बात छेड़तीं तो गुलजार भड़क जाते।
सुचित्रा के कमरे से गुलजार को निकलता देख भड़क गई थी राखी
‘आंधी’ फिल्म की हीरोइन सुचित्रा सेन, अभिनेता संजीव कुमार से नाराज चल रही थीं। इसीलिए गुलजार सुचित्रा को मनाने पहुंचे। मगर बंद कमरे में घंटों दोनों के बीच बात होती रही। बहुत देर समझाने के बाद आखिर सुचित्रा मान गईं और गुलजार बंद कमरे से जैसे ही बाहर निकले, उनका राखी से सामना हो गया।
गुलजार को सुचित्रा के कमरे से बाहर आता देख राखी भड़क गईं और उन्होंने पूछा कि इतनी रात को वह सुचित्रा के कमरे में क्या कर रहे थे। राखी की आवाज इतनी तेज थी कि होटल का स्टाफ इकट्ठा हो गया। गुलजार ने बिना सोचे समझे राखी पर हाथ छोड़ दिया। इसके बाद में होटल के स्टाफ के जरिए खबर आई कि उस रात गुलजार ने राखी की खूब पिटाई की थी.
इस वाकये से आहत राखी ने दोबारा फिल्मों में जाने का मन बना लिया और यश चोपड़ा की फिल्म ‘कभी कभी’ से नई पारी शुरू कर दी। राखी और गुलजार बेटी के पैदा हो जाने के बाद 1974 में एक-दूसरे से अलग हो गए थे और तब से लेकर अब तक उनके बीच में तकरार बरकरार है।