पिछले कई दिनों से ‘गुपकार’ शब्द काफी चर्चा में है। इस शब्द की चर्चा तब और तेज हो गई जब, जब मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुपकार गठबंधन को गुपकार गैंग बताते हुए कहा कि, गुपकार गैंग में शामिल लोग कश्मीर में विदेशी ताकतों का दखल चाहते हैं।
अमित शाह ने गुपकार गठबंधन अथवा गुपकार घोषणा पत्र को देशहित के खिलाफ बताया और कहा कि राष्ट्रहित के खिलाफ काम करने पर देश की जनता इसे डुबो देगी। अमित शाह के इस बयान के बाद से इस बात की चर्चा होने लगी कि, आखिर क्या है गुपकार घोषणा पत्र और इस बार इतना सियासी बवाल क्यों मचा है?
‘गुपकार’ गठबंधन क्या है
गुपकार जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दलों का एक गठबंधन है। इसे पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेयरेशन (PAGD) का नाम दिया गया है। यह एक तरह का घोषणा पत्र है। गुपकार घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली सभी पार्टियों के एक समूह को गुपकार गठबंधन का नाम दिया गया है।
इस गठबंधन का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को पहले की तरह विशेष राज्य का दर्जा दिलाना बताया जा रहा है। इस गुपकार गठबंधन में फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अलावा जम्मू-कश्मीर की 6 अन्य पार्टियां शामिल है।
कहां हुई थी बैठक और कौन-कौन था शामिल
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के निवास पर इसे लेकर हुई पहली बैठक आयोजित की गई थी। इसमें पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सजाद लोन, पीपुल्स मूवमेंट के नेता जावेद मीर, सीपीआईएम नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह ने हिस्सा लिया था।
इसमें कांग्रेस के भी शामिल होने की खबर थी लेकिन कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने साफ किया है कि उनकी पार्टी गुपकार गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
कैसे पड़ा नाम?
गुपकार श्रीनगर में एक सड़क का नाम है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का निवास इसी गुपकार रोड पर है।
गुपकार घोषणा क्या है
यह नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष के गुपकार स्थित आवास पर चार अगस्त, 2019 को हुई एक सर्वदलीय बैठक के बाद जारी प्रस्ताव है। गुपकार रोड स्थित फारूक अब्दुल्ला के आवास पर भाजपा को छोड़कर कश्मीर के विपक्षी पार्टियों की जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटने और आर्टिकलल 370 खत्म करने के फैसले के एक दिन पहले एक बैठक हुई थी।
इस बैठक में राज्य की परिस्थिति को लेकर पार्टियों ने एक साझा बयान जारी किया, जिसे गुपकार समझौता का नाम दिया गया। इसमे कहा गया है कि पार्टियों ने सर्व-सम्मति से फैसला किया है कि जम्मू कश्मीर की पहचान, स्वायत्तता और उसके विशेष दर्जे को संरक्षित करने के लिए वे मिलकर प्रयास करेंगी।