हाथरस में गैंगरेप का शिकार हुई पीड़िता की कल सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई है। मंगलवार की रात को दिल्ली से जब युवती का शव हाथरस पहुंचा तो यूपी पुलिस ने जबरन उसका अंतिम संस्कार कर दिया। घरवालों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनसे पूछे बिना ही अंतिम संस्कार किया गया और जब शव को जलाया गया तो उन्हें घर में बंद कर दिया गया।
इस केस में पुलिस पहले से ही सवालों के घेरे में है। ऐसे में यूपी पुलिस का इस तरह का गैर जिम्मेदारी भरा रवैया इस बात की तरफ साफ इशारा कर रहा है कि उन्होंने इस मामले को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लिया। लड़की के पिता का कहना है कि उन्हें घर में जबरदस्ती बंद कर दिया गया था, पुलिस डेडबॉडी को ले गई, उन्होंने नहीं देखा वो किसका शव था।
मंगलवार की रात को जब शव हाथरस पहुंचा तो शव वाहन के आगे लेटकर परिजनों के कड़े प्रतिरोध करने तथा मृतका की मां द्वारा झोली फैलाने पर भी पुलिस प्रशासनिक अधिकारी मृतका की डेडबॉडी को उसके घर ले जाने तथा अंतिम संस्कार के लिए सुबह होने के इंतजार को राजी नहीं हुए।
पुलिस ने भारी फोर्स की तैनाती में आधी रात में ही मृतका का अंतिम संस्कार करा दिया। लड़की के दाह संस्कार पर उसके घरवालों ने सवाल खड़े कर दिए हैं। लड़की के पिता का कहना है कि उन्होंने नहीं देखा कि जिस शव को उन्होंने जलाया वो किसका है, क्योंकि उन्हें तो शमशान तक भी नहीं पहुंचने दिया गया।
पीड़िता लड़की के चाचा का कहना है कि दाह संस्कार परिजनों के साथ नहीं किया गया है, जो भी किया है पुलिस ने किया है। यह देखकर कि अब पुलिस नहीं होगी कुछ एक लोग चिता में दो चार कंडे डालने गए थे तभी पुलिसवालों ने उनका फोटो खींच लिया, अंतिम संस्कार कैसे किया यह उन्हें पता नहीं है।