हम कपड़ों से परिभाषित नहीं होते : राधिका मदान

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 मुंबई, 27 फरवरी (आईएएनएस)| अभिनेत्री राधिका मदान का कहना है कि उन्हें उस वक्त बहुत गुस्सा आता है, जब वह देखती हैं कि महिलाओं को आज भी ब्रा-स्ट्रैप जैसी किसी चीज के आधार पर परखा जाता है।

 राधिका ‘बार ब्रा देखो’ के साथ महिलाओं के समर्थन में आगे आई हैं, जिसमें आज के समय में भी कई बार ब्रा-स्ट्रैप के दिखने के चलते महिलाओं को शर्मसार होना पड़ता है। यह एमटीवी की अनूठी पहल है, जिसके तहत स्ट्रैप को लेकर शर्मशार होने के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी और इसके साथ ही इसके बारे में बात की जाएगी, ताकि लोग इसे सामान्य तौर पर लें।


राधिका ने कहा, “सार्वजनिक परिवाहनों में सफर करने के दौरान या कहीं और भी कई बार हम सभी ने अजीब व भद्दी निगाहों से देखे जाने व गलत तरीके से छूने जैसी चीजों का सामना किया है। मुझे यह देखकर गुस्सा आता है कि किस तरह से आज भी ब्रा-स्ट्रैप के देखे जाने जैसी किसी चीज को लेकर महिलाओं को परखा जाता है। इसे काफी पहले ही सामान्य तौर पर लिया जाना चाहिए था।”

वह आगे कहती हैं, “कपड़े हमें परिभाषित नहीं करते हैं। यह पूरी तरह से एक महिला की इच्छा पर निर्भर है कि वह क्या पहने और किस तरह से पहने। ‘बार ब्रा देखो’ जैसे किसी पहल के साथ अपनी आवाज उठाकर मैं खुश हूं, जो महिलाओं को सहज महसूस कराने के लिए है। आइए, इस महिला दिवस को अलग तरीके से मनाएं और ब्रा के स्ट्रैप को दिखाने में अजीब महसूस न करें। इसमें शर्म की कोई बात नहीं है, इसलिए शर्माने की भी जरूरत नहीं है।”

एमटीवी के इस पहल में राधिका इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने के लिए महिलाओं से उनकी उन कहानियों के बारे में पूछेंगी, जिसमें ब्रा-स्ट्रैप के देखे जाने से उन्हें शर्मसार होना पड़ा।


(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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