आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) की पूर्व CEO चंदा कोचर के पति दीपक कोचर से जुड़े लोन मामले में CBI ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इसके साथ ही जांच एजेंसी ने वीडियोकॉन के मुंबई और औरंगाबाद स्थित मुख्यालयों पर छापे भी मारे हैं। बता दें कि इस पूरे मामले में चंदा कोचर की भूमिका भी संदेह के दायरे में है।
सीबीआई ने यह एफआईआर वेणुगोपाल धूत के वीडियोकॉन ग्रुप और दीपक कोचर की कंपनी ‘नूपावर’ के खिलाफ दर्ज की है। एफआईआर दर्ज करने के साथ सीबीआई की टीम के कुल चार जगह छापेमारी करने की खबर है। इनमें नरीमन प्वॉइंट स्थित वीडियोकॉन दफ्तर और नूपावर के कार्यालयों में सीबीआई की टीम ने पड़ताल की।
क्या है मामला?
गौरतलब है कि ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री, रिजर्व बैंक और सेबी को एक खत लिखकर वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की सीईओ व एमडी चंदा कोचर पर एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था। दावा है कि धूत की कंपनी वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया और इसके बदले धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी ‘नूपावर’ में अपना पैसा निवेश किया।
इस तरह चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने अपने पति की कंपनी के फायदे के लिए वेणुगोपाल धूत को लाभ पहुंचाया। साल 2018 में यह खुलासा होने के बाद चंदा कोचर को बैंक से इस्तीफा देना पड़ा था। सीबीआई ने पहले फरवरी, 2018 में इस मामले में प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी। जिसके बाद अब जांच एजेंसी ने एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश जारी कर दी है। वीडियोकॉन को लोन देने के मामले में चंदा कोचर की भूमिका पर भी सवाल हैं, ऐसे में एफआईआर दर्ज होने के बाद उनकी व परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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