IDIA के संस्थापक प्रोफेसर शमनाद बशीर की एक दुर्घटना में मौत

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IDIA के संस्थापक प्रोफेसर शमनाद बशीर की एक दुर्घटना में मौत

IDIA (Increasing Diversity by Increasing Access) नामक एनजीओ के संस्थापक प्रोफेसर शमनाद बशीर (Shamnad Basheer) की एक दुर्घटना में मौत हो गयी है। वह 43 वर्ष के थे। बार एंड बेंच के मुताबिक, हादसे के समय प्रोफेसर बशीर कर्नाटक के चिकमगलूर में थे।

14 मई, 1976 को जन्मे शमनाद बशीर ने बेंगलुरू स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया था। उसके बाद उन्होंने दिल्ली के आनंद एंड आनंद नामक एक इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ फर्म में काम किया। इस दौरान उन्होंने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी से जुड़े कई विवादों पर काम किया।


शमनाद (Shamnad Basheer) ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने बीसीएल (शेल सेंटेनरी स्कॉलर के रूप में) और एमफिल भी पूरा किया। बशीर ने ऐतिहासिक नोवार्टिस केस पर भी काम किया था और कई अन्य जनहित याचिकाएँ दायर की थी। उन्होंने भारत में आईपीआर शासन और कानूनी शिक्षा में बदलाव लाने के लिए पहल की थी।

इसके अलावा वह इंस्टीट्यूट ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IIP), टोक्यो में बतौर शोध सहयोगी आमंत्रित किये गए थे। 2014 में प्रो शामनाद बशीर को मानविकी में अनुसंधान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए इन्फोसिस साइंस फाउंडेशन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

इसके अलावा 2011 में, स्पाइसी आईपी (Spicy IP) के संस्थापक बशीर को शीर्ष 50 वैश्विक आईपी नेताओं में भी जगह मिली थी, जो उनके सह-ब्लॉगर्स प्रशांत रेड्डी और सुमति चंद्रशेखरन के साथ इस पत्रिका द्वारा इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के भविष्य को आकार दे रहे हैं।


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