बिहार के भोजपुर में दिखा भारत बंद का असर, समर्थकों ने रोकी ट्रेन

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बिहार के भोजपुर में दिखा बंद का असर, समर्थकों ने रोकी ट्रेन

देश के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में एससी/एसटी और पिछड़े वर्ग के आरक्षण के खिलाफ 13 पॉइंट रोस्टर लागू किये जाने को लेकर दलित आदिवासी समुदायों के लोगों में गुस्सा है। 13 पॉइन्ट रोस्टर के खिलाफ बुलाए गये भारत बंद का असर बिहार के भोजपुर में  देखने को मिल रहा है। संविधान बचाओ संघर्ष समिति द्वारा बुलाये गए इस भारत बंद में राजद, रालोसपा पार्टी सहित महागठबंधन के अन्य दलों ने भी समर्थन दिया है। भारत बंद के एलान का असर भोजपुर के अलावा अन्य जिलों में भी देखने को मिल रहा है।

बंद का असर

भोजपुर में आरा रेलवे स्टेशन के डाउन लाइन पर बंद समर्थकों ने 19421 अहमदाबाद-पटना एक्सप्रेस को रोक, केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बंद समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प भी देखी गई। बंद समर्थक ट्रेन के इंजन पर भी चढ़कर जमकर नारेबाजी की। आक्रोशित बंद समर्थकों का आरोप है कि केंद्र सरकार संविधान को समाप्त करना चाहती है। लोगों का कहना है कि मौजूदा सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति सहित पिछड़े वर्ग के लोगों को शिक्षक बनने से रोकना चाहती है।


आखिर लोग गुस्से में क्यों हैं?

13 पॉइंट रोस्टर को लेकर लोगों में बेहद गुस्सा है। जिसके चलते आज भारत बंद का एलान किया गया था। सोशल मीडिया पर भी लोगों से इस बंद में शामिल होने का आग्रह किया गया था। गौरतलब है कि इलाहबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए 13 पॉइंट रोस्टर के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दो बार मुहर लगाने के खिलाफ एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग में भारी रोष है। अप्रैल 2017 में इलाहबाद हाईकोर्ट ने यूजीसी से फंडेड उच्च शिक्षण संस्थाओं में शिक्षक भर्ती के वक्त संस्था के बजाए विभाग को यूनिट मानकर आरक्षण का लाभ दिया जाए इसका निर्णय लिया था।

मालूम हो कि पहले 200 पॉइंट रोस्टर प्रणाली थी, जिससे चौथे, सातवें और 13वें पद पर इन तीन वर्गों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिल जाता था, लेकिन 13 पॉइंट रोस्टर के चलते इसका लाभ मिलना लगभलग नामुमकिन हो गया है। इसी 13 पॉइंट रोस्टर की जगह 200 पॉइंट लागू करने के लिए भारत बंद की मांग की जा रही है।


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