इमरान के न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित लेख को पढ़ने का समय नहीं : विदेश मंत्री

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 ब्रसेल्स, 2 सितम्बर (आईएएनएस)| विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि उनके पास पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे गए लेख को पढ़ने का समय नहीं है।

  खान ने लेख में कश्मीर मुद्दे पर विश्व जगत को परिणाम भुगतने संबंधी बयान देते हुए परमाणु युद्ध की गीदड़भभकी दी है। ब्रसेल्स में पोलिटिको को दिए एक साक्षात्कार में जयशंकर ने यह भी कहा कि ‘आने वाले दिनों में’ पूरे कश्मीर में सुरक्षा प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी।


इमरान ने लेख में इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच संवाद के मुद्दे को उठाया है। इस पर जयशंकर ने कहा पाकिस्तान आतंकवाद का खुलेआम इस्तेमाल कर रहा है और जब तक वह इसकी वित्तीय मदद पर और आतंकी समूहों की भर्ती पर रोक नहीं लगाता तब तक उसके साथ बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है।

जयशंकर ने कहा, “आतंकवाद कोई ऐसी चीज नहीं है जो पाकिस्तान में अंधेरे कोनों में हो रहा हो। यह दिनदहाड़े किया जाता है।”

कश्मीर घाटी में संचार माध्यम बंद किए जाने पर उन्होंने कहा कि टेलीफोन और इंटरनेट प्रतिबंध आतंकी तंत्र की सक्रियता को रोकने और हिंसा फैलाने वालों को एक-दूसरे के संपर्क में आने से रोकने के लिए आवश्यक हैं।


कश्मीर घाटी में दवाओं की कमी और छोटे व्यवसायों को संकट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि इस तरह की सारी रिपोर्ट काल्पनिक हैं। उन्होंने माना कि यह संभव नहीं है कि आतंकियों के बीच संवाद के लिए संचार माध्यमों को रोकने का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।

जयशंकर ने कहा, “मैं यह कैसे कर सकता हूं कि एक तरफ आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए संचार को काटे रखूं, तथा दूसरी तरफ अन्य लोगों के लिए इंटरनेट खुला रखूं? ऐसा कैसे होगा, मुझे यह जानकर खुशी होगी।”

जयशंकर ने भरोसा जताया कि जल्द ही हालात में सुधार होगा।

विदेश मंत्री ने इस बात से भी इनकार किया कि कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने में कोई हिन्दू राष्ट्रवादी एजेंडा है जिससे कि गैर मुस्लिमों को वहां संपत्ति खरीदने की अनुमति मिल सके और मुस्लिम बहुल आबादी को दरकिनार किया जा सके।

उन्होंने कहा कि जो लोग यह कहते हैं, वे भारत को नहीं जानते। क्या यह भारत की संस्कृति से मेल खाता है?

इमरान खान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हिंदू वर्चस्ववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाते रहे हैं।

विदेश मंत्री ने यह भी जोर दिया कि कश्मीर के विशेष दर्जे के रद्द होने के बाद अब वहां निवेश के मार्ग खुलेंगे।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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